सम्भावना
में आज नौवाँ दिन। कल हमने अर्थव्यवस्थाओं के इतिहास को 7 पमानों के आधार
पर समझने का प्रयास किया- 1.किसके पास क्या है, 2. कौन क्या करता है, 3.
किसको क्या मिलता है, 4. क्या उत्पादित किया जाता है, 5. समाज में तकनीक का
विकास कैसे होता है, 6. उस अर्थव्यवस्था में प्रकृति को किस तरह से देखते
हैं और 7. उस समाज में खुशहाली की स्थिति क्या है।
यह समझ में आया कि वर्तमान पूंजीवादी व्यवस्था किस प्रकार पैसा द्वारा पैसे कमाने के लिए उत्पादन प्रणाली है जो समाज में भेदभाव पैदा करता है, साथ ही संसाधनों पर नियंत्रण और फिर उसके विनाश को आगे बढाता है। यह भी सवाल उठा कि विकास के वर्तमान मॉडल को विकास मॉडल समझा जाये या विनाश के मॉडल के रूप में । हमने पर्यावरणीय मुद्दों को समझने के लिए एक डाक्यूमेंट्री The Story of Stuff भी देखी। शाम को हम स्थानीय मेला देखने गए और जलेबी, मोमो और टिक्की चाट खाने का आनंद लिया। आज हम अर्थव्यवस्था के सवाल पर आगे चर्चा करने वाले हैं। कुछ तसवीरें आपके लिए।
यह समझ में आया कि वर्तमान पूंजीवादी व्यवस्था किस प्रकार पैसा द्वारा पैसे कमाने के लिए उत्पादन प्रणाली है जो समाज में भेदभाव पैदा करता है, साथ ही संसाधनों पर नियंत्रण और फिर उसके विनाश को आगे बढाता है। यह भी सवाल उठा कि विकास के वर्तमान मॉडल को विकास मॉडल समझा जाये या विनाश के मॉडल के रूप में । हमने पर्यावरणीय मुद्दों को समझने के लिए एक डाक्यूमेंट्री The Story of Stuff भी देखी। शाम को हम स्थानीय मेला देखने गए और जलेबी, मोमो और टिक्की चाट खाने का आनंद लिया। आज हम अर्थव्यवस्था के सवाल पर आगे चर्चा करने वाले हैं। कुछ तसवीरें आपके लिए।
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