प्रमोद रंजन
यह एक केला चोर है। क्या आप इसकी जाति नहीं जानते? क्या बिना कोई जाति प्रमाण देखे ही यह पता नहीं लग जाता कि यह दलित या आदिवासी है। यह कमाल कैसे होता है कि हम तस्वीर देख कर ही जान जाते हैं कि यह द्विज नहीं है, ब्राह्मण नहीं है।
इसके बावजूद आप कहते हैं कि सभी जातियों में गरीबी है! क्या सचमुच इतनी गहन और व्यापक गरीबी सभी जातियों में है?
वैसे, केला चुराने वालो को यह सजा और विजय मल्याओं को?
तस्वीर : नास्तिक नेशन से
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