TaraChandra Tripathi commented on your link. | ||||||||||
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Let me speak human!All about humanity,Green and rights to sustain the Nature.It is live.
Monday, March 14, 2016
TaraChandra Tripathi March 15 at 6:36am मनुस्मृति हो या हम्बुराबी का विधान या रोमन कानून सब सामंतवादी और दलित दास विरोधी हैं. यदि औद्योगिक क्रांति नहीं होती तो कुछ भी बदलाव नहीं होता. विश्व के अधिकतर देशों में इस सामंती परम्परा का स्थान वर्गवाद ने ले लिया है. पर इस देश में जाति वोट बैंक बन गयी है. हमारे युवा अंतरजातीय विवाहों के द्वारा उसे तोड रहे हैं. खानपान के टैबू समाप्त हो .गये हैं. पर जाति को आरक्षण के झुनझुने का आधार बना देने के कारण जातीय बोध बना हुआ है. दूसरी ओर आरक्षण का लाभ कुछ ही परिवारों तक सिमट गया है. वे ही बारबार उसका लाभ ले रहे हैं. बाकी तो पहले भी चपरासी थे अब भी चपरासी हैं. मायावती अपने समूह की हालत सुधारने की जगह बाबा साहब के स्मारक पर अरबों खर्च कर मौज कर रही है
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