अलविदा बच्चे। frown emoticon
यह इक्कीसवीं सदी के भारत की सबसे शर्मनाक तस्वीर है।
नागपुर से लेकर झंडेवालान तक से आप जो नफरत फैलाते हो, उसकी कीमत कभी एक बूढ़ा अख़लाक़ चुकाता है तो कभी रोहित वेमुला, तो इस बार 12 साल का बच्चा इम्तियाज़।
दादरी में अखलाक को मारकर आप बिहार नहीं जीत पाए। डॉ. रोहित वेमुला को मारकर आप हैदराबाद नगर निगम नहीं जीत पाए। दोनों जगह इस देश की न्यायप्रिय और अमनपसंद जनता ने आपकी हालत भिखमंगों सी कर दी।
लिखकर रख लीजिए, पाँच राज्यों के विधानसभा चुनाव के चक्कर में आपने इम्तियाज खान और मजलूम अंसारी की झारखंड में हत्या की है, उन पांचों राज्यों में जनता आपकी वो धुलाई करेगी और मई की गर्मियों में आपको वो सुखाएगी कि आप याद रखेंगे।
तकलीफ की बात सिर्फ इतनी है कि आपकी पॉलिटिक्स के चक्कर में कुछ मासूमों की जिंदगी नष्ट हो रही है।
हमें अफ़सोस है इम्तियाज़ कि देश की जनता ने 2014 के लोकसभा चुनाव में लुभावने वादों के चक्कर में एक गलत फैसला कर लिया था।
अलविदा बच्चे!
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