Shesh Nath Vernwal
संभावना में आज आठवाँ दिन। कल हमने दिल्ली में शहरी मजदूरों के काम करने की स्थितियों पर रविश की रिपोर्ट देखी और NAPM के राजेंद्र रवि से उभरे सवालों के ज़वाब जाने। प्रकाश जी द्वारा प्रस्तुति के जरिये विश्व में विकास के नाम पर विनाश की ओर बढ़ते भयावह स्थिति के बारे में साक्षात्कार किया। गुजरात के रोहित जी से वहां के स्वास्थ्य एवं प्रयावरण के गंभीर मुद्दों से दो-चार हुए। एक चीज समझ आया कि जो व्यक्ति ज्यादा उपभोग कर रहा है, ज्यादा गन्दगी फैला रहा है, ज्यादा खरीद कर रहा है; वो अच्छा और सफल इन्सान नहीं है, बल्कि एक प्रकार से क्रिमिनल है। हमारे एक साथी हरिओम ने कहा कि गरीबी रेखा की तरह ही अमीरी रेखा भी तय करनी चाहिए।
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