Sunday, March 27, 2016

जब एक अमरीकी नागरिक नें अमरीका में ही अमरीकी झंडे को जलाया और अमरीका के खिलाफ़ नारे लगाए तो उसे निचली अदालत नें एक साल की सज़ा सुनाई . लेकिन इसी मामले में सर्वोच्च अमरीकी अदालत नें निचली अदालत के फैसले को रद्द कर दिया . अमरीकी सर्वोच्च न्यायालय नें कहा कि सरकार कुछ प्रतीकों को एकता के प्रतीक के रूप में रूढ़ नहीं कर सकती . झंडा जलाना विचार मतभेद का एक तरीका हो सकता है . झंडा जलाने से देश की शांति को कोई खतरा नहीं होता यह फैसला अमरीकी सर्वोच्च न्यायालय नें किया है भारतीय लोग इस फैसले से आहत महसूस ना करें . भारतीय अभी इस बात को पचा पाने का हाज़मा नहीं बना पायें हैं इस मुकदमे का लिंक नीचे दिया है

जब एक अमरीकी नागरिक नें अमरीका में ही अमरीकी झंडे को जलाया और अमरीका के खिलाफ़ नारे लगाए
तो उसे निचली अदालत नें एक साल की सज़ा सुनाई .
लेकिन इसी मामले में सर्वोच्च अमरीकी अदालत नें निचली अदालत के फैसले को रद्द कर दिया .
अमरीकी सर्वोच्च न्यायालय नें कहा कि सरकार कुछ प्रतीकों को एकता के प्रतीक के रूप में रूढ़ नहीं कर सकती .
झंडा जलाना विचार मतभेद का एक तरीका हो सकता है .
झंडा जलाने से देश की शांति को कोई खतरा नहीं होता
यह फैसला अमरीकी सर्वोच्च न्यायालय नें किया है
भारतीय लोग इस फैसले से आहत महसूस ना करें .
भारतीय अभी इस बात को पचा पाने का हाज़मा नहीं बना पायें हैं
इस मुकदमे का लिंक नीचे दिया है
https://en.wikipedia.org/wiki/Texas_v._Johnson

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