ख़ाली साम्प्रदायिकता पर बोलने से काम नहीं चलेगा कॉमरेड. यह सिद्ध हो चुका है कि भारत में साम्प्रदायिकता की विषबेल ब्राह्मणवाद के खाद से पलती है. ब्राह्मणवाद यानी जातिवाद, पितृसत्ता, नस्लवाद. तो आर्थिक गैरबराबरी के ख़िलाफ़ पूरी ताक़त से लड़ते हुए ब्राह्मणवाद के ख़िलाफ़ एक लम्बी और समझौताहीन संघर्ष करना होगा.
ब्राह्मणवाद से आज़ादी
पूँजीवाद से आज़ादी
हमें चाहिए आज़ादी.
पूँजीवाद से आज़ादी
हमें चाहिए आज़ादी.
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