Surendra Grover
अपनी जी तोड़ कोशिशों के बाद भी दिल्ली पुलिस #JNU में किसी प्रकार के #देशद्रोही नारे लगने का सबूत नहीं जुटा पाई और उसे कोर्ट में कहना पड़ा कि न तो उसे कोई ऐसा वीडियो मिला जिसमें #कन्हैया_कुमार या #जेएनयू के अन्य छात्र #भारत की अखण्डता के ख़िलाफ़ नारे लगा रहे हों और न ही कोई अन्य प्रमाण..अब ऐसे में कुछ सवाल उठते हैं कि यदि ऐसा कुछ नहीं हुआ था तो क्या यह एक सोची समझी #साज़िश थी..?
लगता तो यही है क्योंकि 9 फ़रवरी को कार्यक्रम के आयोजन से काफी समय पहले ही#ज़ी_न्यूज की टीम वहां कैसे पहुंची..? उस कार्यक्रम के असल वीडियो से छेड़छाड़ किसने की..? उसके बाद #सुधीर_चौधरी, #रोहित_सरदाना #अर्नब_गोस्वामी और#इंडिया_न्यूज़ के #दीपक_चौरसिया अपने चैनलों पर #न्यूज़_एंकर की भूमिका के बदले#आक्रमणकारियों की भूमिका निभाते हुए #कन्हैया को डराने धमकाने लगे.. इसी के बाद#ट्विटर पर एक फ़र्ज़ी अकॉउंट के ज़रिये जेनयू के छात्रों के समर्थन में #हाफिज_सईद का#ट्विट आता है..फिर #गृहमंत्री #राजनाथ_सिंह सक्रिय हो जाते हैं और दिल्ली पुलिस बिना किसी जांच पड़ताल और गिरफ्तारी वारंट के आधी रात को जेनयू में अपना #आतंकमचा देती है और कन्हैया कुमार को हिरासत में ले लेती है.. फिर #RSS #बजरंगदल और#ABVP के अलावा #भाजपा के कार्यकर्ता छुट्टे सांड की तरह सड़कों पर उतर आते हैं और जेनयू के छात्र छात्राओं के ख़िलाफ़ देश की जनता को भड़काने का काम शुरू कर देते हैं..#पटियाला_हॉउस_कोर्ट में सुनियोजित साज़िश के तहत भाजपा के गुंडे वकील कन्हैया ही नहीं बल्कि #पत्रकारों और अन्य छात्रों की एक बार नहीं बल्कि दो दो बार जम कर धुनाई करते हैं.. यही नहीं #सुप्रीम_कोर्ट द्वारा मामले की जांच के लिए भेजे गए #पैनल से भी#अभद्रता करते हैं.. #सोशल_मीडिया पर मुद्दत से चूहों की तरह बिल में छुपे #भक्त प्रकट हो जाते हैं.. वास्तविक दुनिया से लेकर टीवी चैनलों और सोशल मीडिया पर हर उस व्यक्ति को #देशद्रोही करार दे दिया जाता है जो जेनयू के छात्रों के समर्थन में खड़ा होता है..
इस साज़िश के पीछे कौन कौन थे उनके चेहरे का नक़ाब नोचा जाना ज़रूरी है और यह काम खुद #सर्वोच्च_न्यायालय को करना होगा तथा साज़िश करने वालों और इसमें शामिल लोगों पर देशद्रोह का मुकद्दमा चलाना चाहिए ताकि दुबारा कभी कोई ऐसी साज़िश करने की सोच भी न सके..
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