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Let me speak human!All about humanity,Green and rights to sustain the Nature.It is live.
Friday, March 11, 2016
‘माननीय’ तो चले गए । लेकिन “चाय” से लेकर “वाय” तक हर जगह “किंगफिशर” का ही ज़िक्र जारी है । वैसे अगर आपको ‘माननीय’ का भी पक्ष जानना है , तो ट्विटर की शरण में जाना होगा । क्योंकि आप जानते ही हैं कि विशिष्ठजनों की भड़ास या सफाई के लिए वही उचित मंच है । आखिर देश की अदालत या कानून को अपने बारे में जानकारी देना अपनी ही शान में गुस्ताखी जैसा होता है । माननीय देश की सर्वोच्च लोकतान्त्रिक संस्था का सदस्य बनते समय अपने को बिना “क़र्ज़” और बिना “संपत्ति” का घोषित कर सकते हैं , तब वो कुछ भी कर सकते हैं । तब सरकार ने उनको ‘गरीबी रेखा से नीचे वाला राशन कार्ड’ प्रदान क्यों नहीं किया ? यह भी जांच का विषय होना चाहिए । अगर तब यह “बीपीएल कार्ड” उनको दे दिया जाता , तब शायद यह गरीब माननीय देश छोड़ कर भागने को विवश नहीं होता । जय हो !
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