Thursday, March 10, 2016

यह एक अच्छी बात है कि भाजपा राज्य-सभा सांसद तरुण विजय ने राज्य-सभा में दलितों की पीड़ा जाहिर की है। तरुण विजय जी ने एक रिपोर्ट के हवाले से बताया कि पिछले साल मैनहोल के सेप्टिक टैंक में सफाई करने में 22327पुरूष-महिला की मौत हो गयी थी ,साथ ही इन्होने इस बात की ओर भी इशारा किया कि इस तरह के कार्य दलितों को ही करने पड़तें हैं। तरुण विजय यह भी जानकारी देंतें हैं कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद ऐसे केस में दस लाख की जगह मात्र 60-60 हजार मुआवजे दिए गए। क्या ऐसा कोई विकल्प विकसित नहीं किया जा सका है कि मैनहोल के सेप्टिक टैंक में सफाई करने जैसे अमानवीय कार्य के लिए मनुष्य को अंदर उतरना ही न पड़े ? क्या अभी तक कोई तकनॉलॉजी का विकास नही हो सका है इससे निजात पाने के लिए???

हिमांशु श्रीवास्तव
यह एक अच्छी बात है कि भाजपा राज्य-सभा सांसद तरुण विजय ने राज्य-सभा में दलितों की पीड़ा जाहिर की है।
तरुण विजय जी ने एक रिपोर्ट के हवाले से बताया कि पिछले साल मैनहोल के सेप्टिक टैंक में सफाई करने में 22327पुरूष-महिला की मौत हो गयी थी ,साथ ही इन्होने इस बात की ओर भी इशारा किया कि इस तरह के कार्य दलितों को ही करने पड़तें हैं।
तरुण विजय यह भी जानकारी देंतें हैं कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद ऐसे केस में दस लाख की जगह मात्र 60-60 हजार मुआवजे दिए गए।
क्या ऐसा कोई विकल्प विकसित नहीं किया जा सका है कि मैनहोल के सेप्टिक टैंक में सफाई करने जैसे अमानवीय कार्य के लिए मनुष्य को अंदर उतरना ही न पड़े ? क्या अभी तक कोई तकनॉलॉजी का विकास नही हो सका है इससे निजात पाने के लिए???

1 comment:

  1. Why are the Safaai Karamchaaris NOT PROVIDED PLASTIC COSTUMES and MASKS to cover their BODIES before they enter the manholes of the DIRTY & STINKING DRAINS? They should also be provided AIR or OXYGEN from a cylinder through pipes.

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