Sunday, July 24, 2016

( एक थी डेल्टा – 7 ) हत्या के बाद चरित्र हत्या !! - भंवर मेघवंशी

( एक थी डेल्टा – 7 )
हत्या के बाद चरित्र हत्या !! 
- भंवर मेघवंशी
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पश्चिमी राजस्थान के अत्याचार प्रभावित क्षेत्र बाड़मेर जिले की प्रतिभाशाली दलित छात्रा कुमारी डेल्टा मेघवाल का शव 29 मार्च 2016 को श्री आदर्श जैन कन्या शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय के हॉस्टल परिसर की पानी की टंकी में मिला .डेल्टा के पिता महेंद्रा राम को इस बात की सूचना दोपहर एक बजे दी गई ,वो देर रात 12 बजे नोखा पहुंचे .30 मार्च 2016 को सुबह 8 .30 पर उनकी ओर से नोखा थाने में संस्थान के संचालक ईश्वर चंद वैद ,पीटीआई विजेन्द्रसिंह ,वार्डन प्रिया शुक्ला तथा वार्डन के पति प्रज्ञा प्रतीक शुक्ला के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करवाई गई ,जो भारतीय दंड संहिता की धारा 302 ,376 (ग ) 201 ,34 एवं पोक्सो कानून की धारा 5 तथा 6 और अनुसूचित जाति ,जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 की धारा 3 (1 ) (12 ) के तहत दर्ज की गई .
एक होनहार दलित छात्रा के साथ बलात्कार करने के बाद उसकी निर्मम हत्या करके उसे सामान्य मौत बताने के लिए पानी के कुण्ड में लाश को डुबो देने का समाचार सोशल मीडिया के ज़रिये बाड़मेर तथा नोखा के जागरूक दलित बहुजन युवाओं की पहल पर देश भर में फेल चुका था .रोहित वेमुला के सांस्थानिक मर्डर से पहले से आक्रोशित दलित बहुजन समाज के लिए कुमारी डेल्टा की बलात्कार बाद हत्या असहनीय घटना बन गया .लोग नोखा में ही धरने पर बैठ गये तथा नामजद आरोपियों की गिरफ्तारी होने तक डेल्टा के शव को लेने से मना कर दिया .आक्रोश इतना भयंकर था कि डेल्टा के शव का पोस्ट मार्टम भी दोषियों की धरपकड़ के बाद ही करने के लिए लोग अड़ चुके थे .
डेल्टा की हत्या से गुस्साये लोग सड़कों पर उतर आये .नोखा तो संघर्ष स्थली बना हुआ ही था .देश भर के उच्च शिक्षण संस्थान भी उबले हुये थे .आई आई टी ,जे एन यू ,सेन्ट्रल विश्वविध्यालय सब तरफ विरोध प्रदर्शन जारी थे .बाड़मेर जिला जबरदस्त गुस्से में था .राजस्थान सहित देश और विदेश तक जस्टिस फॉर डेल्टा अभियान उफान पर था .लोग न्याय मांग रहे थे ,डेल्टा के हत्यारों को गिरफ्तार देखना चाहते थे .
बीकानेर पुलिस द्वारा नामजद आरोपियों में से पीटीआई विजेन्द्रसिंह , वार्डन प्रिया शुक्ला ,वार्डन पति प्रज्ञा प्रतीक शुक्ला को पूंछताछ के लिये पकड़ लिये जाने के बाद 31 मार्च 2016 की दोपहर 12 बजकर 30 मिनिट पर डेल्टा की हत्या के लगभग 72 घंटे बाद शव का पोस्टमार्टम किया गया .पोस्टमार्टम की रिपोर्ट कहती है कि डेल्टा के दोनों फेफड़े स्वस्थ पाये गये है ,मतलब उनमे पानी नहीं भरा .पेट में मात्र 500 मिलीलीटर पानी पाया गया ,जो किसी भी स्वस्थ व्यक्ति में भी पाया ही जाता है ,इसका आशय यह है कि डेल्टा की मौत पानी में डूबने से नहीं हुई .उसके शरीर पर चौटों के निशान पाये गये .जो उसके साथ हुए बलात्कार की कहानी चीख चीख कर कहती है .डॉक्टर्स की ओपिनियन भी स्पष्ट थी - मौत का कारण तथा बलात्कार की पुष्टि एफ एस एल रिपोर्ट से ही होगी .मगर अफ़सोस इस बात का है कि डोक्टरी जैसे पवित्र माने जाने वाले पेशे में लगे लोग भी उच्च स्तरीय दबाव में आये और उन्होंने नामजद आरोपियों को बचाने की नीयत से रीओपिनियन देते हुए कह दिया कि – डेल्टा की मौत पानी में डूबने से होने के सम्भावना से इंकार नहीं किया जा सकता है .पोस्टमार्टम के वक्त दलित समुदाय से आने वाले एक डॉक्टर ने मेडिकल बोर्ड के साथ जमकर बहस की लेकिन एक अंधे व्यक्ति को भी जो घटना मर्डर दिख रही थी ,नोखा का पुलिस महकमा और मेडिकल बोर्ड उसे पानी में डूबने से हुई मौत स्थापित करने में तुला हुआ था .
डेल्टा के हत्यारे इतने शातिर और रसूख वाले लोग है कि उन्होंने डेल्टा के परिजनों और उसके शुभचिंतकों के पंहुचने से पहले ही सब कुछ मैनेज कर लिया था .चूँकि जैन संस्थान का अध्यक्ष ईश्वर चंद वैद सत्तारूढ़ पार्टी में ऊँची पंहुच रखने वाला व्यक्ति है ,इसलिए सूबे की मुख्यमंत्री तक उसने अपने बचाव के लिए पहले से ही प्रबन्ध कर लिये थे .
जिस मुख्यमंत्री वसुंधराराजे ने डेल्टा को उसके द्वारा बनाये गये चित्रों के लिए बधाई दी थी ,वही मुख्यमंत्री महोदया डेल्टा के मामले में एकदम संवेदनहीन हो गई तथा 4 अप्रैल को उनसे डेल्टा के लिए मिलने गये प्रतिनिधिमंडल को पूंछा – तुम लोग पीटीआई विजेन्द्रसिंह के पक्ष में आये हो या विपक्ष में ? प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि – हम विजेन्द्रसिंह के खिलाफ मिलाने आये है .यह सुनते ही संवेदनशील महिला मुख्यमंत्री महोदया अपने पद की गरिमा भी भूल गई और उसने ऐसी बात कह डाली जो शायद कोई भी संवेदनशील व्यक्ति नहीं कह सकता है . मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि – “ उस लड़की के तो शिक्षक विजेन्द्रसिंह से अवैध सम्बन्ध थे .तुम लोग धरना प्रदर्शन करके पुरे देश में हल्ला मचा रहे हो ,इससे हमारी नाक कट रही है ,यह गलत है .” यह कह कर राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधराराजे डेल्टा के लिए न्याय मांगने गये प्रतिनिधिमंडल से बात किये बगैर ही आगे बढ़ गई .
न्याय की आशा लेकर सुदूर रेगिस्तान से सूबे की राजधानी पंहुचे लोग भारी मन से वापस लौट आये .मुख्यमंत्री महोदय यही तक नहीं रुकी .राज्य सरकार के इशारे पर डेल्टा के चरित्र हनन का अभियान शुरू हो गया .पुलिस के आला अफसरान ने बाकायदा प्रेस कांफ्रेंस करके मुख्यमंत्री द्वारा कही गई बात की ताकीद करते हुए कहा कि पीटीआई और छात्रा के मध्य अवैध सम्बन्ध थे .पुलिस ने पोक्सो एक्ट में दिए गये दिशा निर्देशों की धज्जियाँ उड़ाते हुए लड़की को चरित्रहीन साबित करने के लिए काल डिटेल का सहारा लिया ,मीडिया में अपनी मूर्खतापूर्ण खबरें प्लांट करवाई .राजस्थान की पूरी सरकार और उसकी मशीनरी यह साबित करने की कोशिस कर रही थी कि मृतक दलित छात्रा ही ठीक नहीं थी .उसका चरित्र ख़राब था .जैसे वो कहना चाहते थे कि शायद वो इसी तरह की मौत की हक़दार थी ! क्या कोई संवेदन शील सरकार इतनी संवेदनहीन हो सकती है ?
पर राजस्थान की सरकार ने अमानवीयता की सारी हदें लांघते हुए पहले ही दिन से यह तय कर लिया कि डेल्टा की हत्या आत्महत्या थी और वह ठीक लड़की नहीं थी .सूबे की मुख्यमंत्री की डेल्टा के प्रति नफरत इस हद तक बढ़ चुकी थी कि वह एक बलात्कारी का नाम तो अपनी जबान से ले रही थी ,मगर एक पीड़ित दलित छात्रा का नाम तक अपनी जुबान से लेना उन्हें गवारा नहीं था .उस शासन से न्याय की क्या उम्मीद की जा सकती थी ,उसकी पुलिस डेल्टा के परिजनों को क्या न्याय दे सकती है ?
कुमारी डेल्टा के पिता महेंद्रा राम मेघवाल बहुत दुखी हो कर बताते है कि –“ मुझे मुख्यमंत्री जी से बेहद उम्मीद थी कि मेरी बेटी की हत्या के मामले की निष्पक्ष जाँच करवाएगी ,लेकिन उन्होंने तो बिना जाँच के ही डेल्टा की चरित्र हत्या कर दी ,उसे अवैध सम्बन्ध रखने वाली बता दिया .मुख्यमंत्री के इस कथन से मुझे सदमा लगा है ,मैं बहुत आहत हुआ हूँ . बेटी की बलात्कार के बाद निर्मम हत्या की जाँच की फरियाद ले कर पंहुचे एक दुखी बाप को राज्य की मुख्यमंत्री द्वारा इस तरह कलंकित कर निकाला गया ,जिसकी मैं कल्पना भी नहीं कर सकता हूँ .इतना ही नहीं बल्कि मुख्यमंत्री महोदया ने उसी दिन बीकानेर के पुलिस महानिरीक्षक से प्रेस कांफ्रेंस करवाई और लड़की के अवैध संबंधों की बात जगजाहिर की तथा मेडिकल बोर्ड से री ओपिनियन जारी करवाई .इससे पता चलता है कि आरोपियों की पकड़ इस सरकार में कितनी उपर तक है .इनसे मैं निष्पक्ष जाँच और न्याय की क्या उम्मीद कर सकता हूँ “
डेल्टा के साथ बलात्कार तथा उसकी जघन्य हत्या के बाद पुलिस की भूमिका ,स्वयं मुख्यमंत्री द्वारा डेल्टा को चरित्रहीन बताना .पुलिस द्वारा पहले ही दिन से पानी में डूबकर सुसाईड करने की कहानी दोहराना तथा शव के अंतिम संस्कार कर दिए जाने के बाद मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट को बदलवा देना और बाद में पुलिस द्वारा प्रेस कांफ्रेंस करके डेल्टा के चरित्र पर आक्षेप लगाना .यह सब डेल्टा के सुनियोजित सांस्थानिक मर्डर को साबित करने के लिये काफी है .हम कह सकते है कि डेल्टा के साथ जैन संस्थान में बलात्कार किया गया ,उसके बाद साक्ष्य मिटाने के लिए उसे मार डाला गया .चूँकि जैन संस्थान का मालिक ईश्वरचंद आर एस एस तथा बीजेपी से जुड़ा हुआ व्यक्ति है ,इसलिए उसे बचाने के लिए राजस्थान की सरकार ने डेल्टा की चरित्र हत्या की और अंततः पुलिस ने अपने आकाओं के इशारे पर इस जघन्य हत्या को आत्महत्या साबित करते हुए चार्जशीट पेश करने का दुष्कर्म कर दिखाया .....( जारी )
- भंवर मेघवंशी
( लेखक सामाजिक कार्यकर्ता एवं स्वतंत्र पत्रकार है तथा राजस्थान में दलित बहुजनों के प्रश्नों पर लम्बे समय से कार्यरत है . उनसे bhanwarmeghwanshi@gmail.com पर संपर्क किया जा सकता है .व्हाट्सएप – 9571047777 )

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