छोड़ दो ऐसे धर्म और काम को!
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गाय है क्या? गाय एक जानवर है। जैसे बाकी जानवर होते है। हर जानवर की एक अपनी उपयुक्तता होती है, जैसी बकरी की होती है। लेकिन धर्म के ठेकेदारोने गाय का इतना महिमामंडन कर दिया की उसके शरीर के अंदर पुरे ३३ करोड देवी देवता को बसा दिया। आजतक लाखो गायों को काटा गया लेकिन किसी भी गाय के पेट से कोई भी देवी देवता बाहर नहीं निकली। गाय के पेट के अंदर से कोई भी देवता ने अपना चमत्कार दिखाकर गाय को मारनेवाले का पेट नहीं फाड़ा। ऐसी स्थिति में कहा रफूचक्कर होते है देवी और देवता? हाल ही में धर्म के ठेकेदारोने अफवाए फैला दी है की गाय के मूत्र में सोने का अंश है। बकवास की बाते करनेमें इन धर्म के ठेकेदारों का कोई हात नहीं पकड़ सकता। सामान्य लोगो को अंधविश्वास में डुबो देते है। वे अंधविश्वास के नाम से पैसा कमाते है। अभी तो गायों के रक्षा के नाम पर सरकार को लुटा जा रहा है।
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गाय है क्या? गाय एक जानवर है। जैसे बाकी जानवर होते है। हर जानवर की एक अपनी उपयुक्तता होती है, जैसी बकरी की होती है। लेकिन धर्म के ठेकेदारोने गाय का इतना महिमामंडन कर दिया की उसके शरीर के अंदर पुरे ३३ करोड देवी देवता को बसा दिया। आजतक लाखो गायों को काटा गया लेकिन किसी भी गाय के पेट से कोई भी देवी देवता बाहर नहीं निकली। गाय के पेट के अंदर से कोई भी देवता ने अपना चमत्कार दिखाकर गाय को मारनेवाले का पेट नहीं फाड़ा। ऐसी स्थिति में कहा रफूचक्कर होते है देवी और देवता? हाल ही में धर्म के ठेकेदारोने अफवाए फैला दी है की गाय के मूत्र में सोने का अंश है। बकवास की बाते करनेमें इन धर्म के ठेकेदारों का कोई हात नहीं पकड़ सकता। सामान्य लोगो को अंधविश्वास में डुबो देते है। वे अंधविश्वास के नाम से पैसा कमाते है। अभी तो गायों के रक्षा के नाम पर सरकार को लुटा जा रहा है।
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