मैं धर्म के ठेकेदारों से नहीं डरता: इरफ़ान
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फिल्म अभिनेता इरफ़ान ने २९ जून को जयपुर में एक कार्यक्रम के दौरान बयान दिया - " लोग कुर्बानी का मतलब भूल गए हैं. बाज़ार से दो बकरे खरीद कर लाना और उनकी कुर्बानी देने से कौन सा पुण्य मिल जाता है? "
उनके इस बयान पर जब कुछ धार्मिक कूप -मंडूकों ने हाय- तौबा की तो उन्होंने अपना नज़रिया फेसबुक पर स्पष्ट करते हुए लिखा - " मैं धर्म गुरुओं से नहीं डरता . खुदा का शुक्र है किमैं ऐसे देश में नहींरहता , जहां धार्मिक ठेकेदारों का राज चलता हो. प्लीज् , भाइयो , जो मेरे बयान से दुखी हैं , या तो वे आत्म- विश्लेषण के लिए तैयार नहीं हैं या नतीजे पर पहुँचने की जल्दी में हैं. "
मित्रो , दूसरे धार्मिक खेमे के पुरातन- पंथियों द्वारा मेरे कथन का दुरूपयोग न किये जाने की शर्त पर , मैं इरफ़ान के इस बयान का स्वागत व् समर्थन करता हूँ.
आप किसी भी धर्म को मानने वाले हों , यह समय की मांग है कि यदि हम वास्तव में देश- समाज और दुनिया में सच्ची तरक्की और खुशहाली चाहते हैं तो हमें हर सूरत में धर्मभीरुता और कथित धर्म गुरुओं के चंगुल से बाहर निकल कर स्वतंत्र और व्यापक द्रष्टिकोण अपनाना ही होगा.
Mahendra Neh
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फिल्म अभिनेता इरफ़ान ने २९ जून को जयपुर में एक कार्यक्रम के दौरान बयान दिया - " लोग कुर्बानी का मतलब भूल गए हैं. बाज़ार से दो बकरे खरीद कर लाना और उनकी कुर्बानी देने से कौन सा पुण्य मिल जाता है? "
उनके इस बयान पर जब कुछ धार्मिक कूप -मंडूकों ने हाय- तौबा की तो उन्होंने अपना नज़रिया फेसबुक पर स्पष्ट करते हुए लिखा - " मैं धर्म गुरुओं से नहीं डरता . खुदा का शुक्र है किमैं ऐसे देश में नहींरहता , जहां धार्मिक ठेकेदारों का राज चलता हो. प्लीज् , भाइयो , जो मेरे बयान से दुखी हैं , या तो वे आत्म- विश्लेषण के लिए तैयार नहीं हैं या नतीजे पर पहुँचने की जल्दी में हैं. "
मित्रो , दूसरे धार्मिक खेमे के पुरातन- पंथियों द्वारा मेरे कथन का दुरूपयोग न किये जाने की शर्त पर , मैं इरफ़ान के इस बयान का स्वागत व् समर्थन करता हूँ.
आप किसी भी धर्म को मानने वाले हों , यह समय की मांग है कि यदि हम वास्तव में देश- समाज और दुनिया में सच्ची तरक्की और खुशहाली चाहते हैं तो हमें हर सूरत में धर्मभीरुता और कथित धर्म गुरुओं के चंगुल से बाहर निकल कर स्वतंत्र और व्यापक द्रष्टिकोण अपनाना ही होगा.
Mahendra Neh

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