Tuesday, July 12, 2016

यदि भारत नियमित रूप से दालों के उत्पादन के लिये मोजाम्बिक में किसानों का नेटवर्क तैयार कर सकता है तो किसानों का ऐसा नेटवर्क भारत में ही खड़ा क्यों नहीं किया जा सकता। यदि भारत सरकार मोजाम्बिक के किसानों को यह आश्वासन दे सकती है कि वह जो भी उत्पादन करेंंगे वह खरीदेगी तो यह आश्वासन अपने देश के भीतर लगातार आत्महत्याएं कर रहे किसानों को क्यों नहीं दिया जा सकता। अफ्रीकी देशों से भारत की दाल खरीदी देश के किसानों को जड़ से उखाड़ देगी। जब तक सरकार गेहूं—चावल की तर्ज पर दलहन की खरीद नहीं करती तब तक देश के भीतर दलहन का उत्पादन बढ़ने की संभावना नहीं है।

Pawan Karan
यदि भारत नियमित रूप से दालों के उत्पादन के लिये मोजाम्बिक में किसानों का नेटवर्क तैयार कर सकता है तो किसानों का ऐसा नेटवर्क भारत में ही खड़ा क्यों नहीं किया जा सकता। यदि भारत सरकार मोजाम्बिक के किसानों को यह आश्वासन दे सकती है कि वह जो भी उत्पादन करेंंगे वह खरीदेगी तो यह आश्वासन अपने देश के भीतर लगातार आत्महत्याएं कर रहे किसानों को क्यों नहीं दिया जा सकता। अफ्रीकी देशों से भारत की दाल खरीदी देश के किसानों को जड़ से उखाड़ देगी। जब तक सरकार गेहूं—चावल की तर्ज पर दलहन की खरीद नहीं करती तब तक देश के भीतर दलहन का उत्पादन बढ़ने की संभावना नहीं है।

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