Dilip C Mandal
ब्राह्मणवाद दुनिया का सबसे खतरनाक आतंकवाद है. क्योंकि इसकी वजह से जो मार खाता है, उसे कोई शिकायत नहीं है. वह मजे से मार खाता है, ताकि उसका परलोक सुधर जाए.
वह अपमानित होता है और अपमानित करने वाले को दक्षिणा भी देता है.
इटली के समाजशास्त्री अंतोनियो ग्राम्शी इसे 'हेजेमनी बाई कंसेंट' कहते हैं. यानी पीड़ित की सहमति से चल रहा वर्चस्ववाद.
इसके लिए सहमति की संस्कृति बनाई जाती है. यही ब्राह्मण धर्म है. बहुजनों की सहमति से अल्पजन का राज.
इसका सबसे बुरा असर यह है कि अपार प्राकृतिक संसाधनों के बावजूद भारत आज दुनिया के सबसे गरीब, निरक्षर, बीमार और लाचार देशों में एक है. जीवन के हर क्षेत्र में सवर्ण वर्चस्व ने देश का बुरा हाल कर दिया है.
क्या आपने कभी सोचा है कि 1946-47 की विश्व इतिहास की भीषणतम सांप्रदायिक हिंसा के दौर में, जब 10 लाख से ज्यादा लोग मारे गए, तब भी बाबा साहेब जातिमुक्त भारत के बारे में ही लिख रहे थे?
बाबा साहेब जानते थे कि भारत के ज्यादातर लोगों की समस्या जाति है. उससे मुक्ति जरूरी है. यही भारत की असली आजादी है. यही राष्ट्र निर्माण है.
No comments:
Post a Comment