Kishan Khuriwal
बाबा साहेब के दुश्मनों शर्म करो, हम संविधान के निर्माता व बाबा साहेब का अपमान सहन नही करेंगे।।
साथियो बाबा साहेब आंबेडकर ने 1947 में यहाँ प्रिंटिंग प्रेस की स्थापना की थी। प्रबुद्ध भारत, बहिष्कृत भारत जैसे कई अख़बार इसी प्रेस से निकले। भाजपा ने बुलडोज़र चलाकर न जाने कितने ऐतिहासिक दस्तावेज़ों को नुकसान पहुँचा है। कई पांडुलिपियाँ मलबे के नीचे पड़ी हैं। पीपुल्स इंप्रूवमेंट ट्रस्ट से जुड़े कुछ लोग महाराष्ट्र में भाजपा की सरकार के साथ मिलकर आंबेडकर भवन को तोड़कर जनता के आंदोलनों से जुड़ी यादों को मिटाना चाहते हैं। बाउंसरों को भेजकर यह तोड़फोड़ उन्हीं लोगों ने करवाई है जिन्हें बाबासाहेब का नाम तो वोट के लिए चाहिए लेकिन मनुवाद के खिलाफ उनका विचार नहीं ! हम संविधान के निर्माता का इतना बड़ा अपमान बिल्कुल नहीं सह सकते।
हर दिन जनता की नाराज़गी को बढ़ाने वाली सरकार अभी सत्ता के नशे में झूम रही है। इसे जनता ही होश में लाएगी।
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