Tuesday, June 28, 2016

Mahendra Yadav 1990 के दशक में मंडल आयोग रिपोर्ट लगने से शुरू हुआ जातिवाद 2014 में केंद्र में भाजपा की नरेंद्र मोदी सरकार बनने के साथ ही खत्म हुआ। जातिवाद खत्म होने की दो खबरें:

Mahendra Yadav 1990 के दशक में मंडल आयोग रिपोर्ट लगने से शुरू हुआ जातिवाद 2014 में केंद्र में भाजपा की नरेंद्र मोदी सरकार बनने के साथ ही खत्म हुआ। जातिवाद खत्म होने की दो खबरें:
कश्मीर में आतंकवादियों के हमले में शहीद हुए सैनिक वीर सिंह नट के अंतिम संस्कार फिरोज़ाबाद के पैतृक गांव नगला में सवर्णों ने किया विरोध। प्रशासन के दखल के बाद मुश्किल से हुई दो गज जमीन। सेना जिंदाबाद, लेकिन जातिवाद उससे भी ज्यादा जिंदाबाद। नट जाति के सिपाही का अंतिम संस्कार गांव में मंजूर नहीं।
दूसरी खबर, बंगलौर से जहाँ कोऑपरेटिव बैंक में काम करने वाले दलित राकेश मोगावीरा और ब्राह्मण लड़की उन्नति के प्रेमविवाह के बाद दोनों को कोऑपरेटिव बैंक ने नौकरी से निकाल दिया। बंगलौर देश के विकसित शहरों में है। इलेक्ट्रोनिक्स की राजधानी कहा जाता है। बड़ा अच्छा शहर है, प्रगतिशील विचारों के लोग रहते हैं, लेकिन ब्राह्मण लड़की ने दलित लड़के से शादी कर ली तो सैराट हो जाता है।दोनों ही घटनाओं में अगर किसी को जातिवाद दिख भी रहा है तो उसके लिए आरक्षण की शुरुआत करने वाले शाहू जी महाराज, एससी-एसटी को आरक्षण दिलाने वाले
अंबेडकर और जयपाल सिंह मुंडा, मंडल आयोग के अधय्क्ष बीपी मंडल और मंडल आयोग लागू करवाने वाले शरद यादव जिम्मेदार हैं।

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