Tuesday, July 5, 2016

महाराष्ट्र मे आंबेडकरवादियो के वोट भाजपा को 2% भी मिलते नही फिर भी आठवलेजी को ये तोहफा क्यू मिला .?



Pravin Yadav
रामदास आठवले एक जमाने कै पँथर आज केंद्र सरकारमे कँबिनेट ना सही राज्य मंत्री बन गये है. आज कल उन्होने I - me - myself ये तत्त्व अपनाया है.
महाराष्ट्र मे आंबेडकरवादियो के वोट भाजपा को 2% भी मिलते नही फिर भी आठवलेजी को ये तोहफा क्यू मिला .?
ईसमे भाजपा की युद्ध निती है.
भले ये वोट हमे ना मिले , काँग्रेस राष्ट्रवादि को नही मिलने चाहीये. दुश्मन के साथ नही जाने चाहीये. शरद पवारजीने कहा था ' रिपाई मे जितने की ताकद नही पर हराने की जरुर है .' आठवलेजी का महाराष्ट्र मे बडा नेटवर्क है. पवार साहब महाराष्ट्र काँग्रेस के नेता थे तब बसपा को रोकने के लिये आठवलेजी को आगे बढाया था.
पवार साहबने राष्ट्रवादि पार्टि बनायी तब शरद पवारजीके साथ थे .बाद मे राष्ट्रवादि ने बँकवर्ड सेल बनाकर आठवलेजीको समांतर नेतृत्व खडा करने का प्रयास किया था. आठवलेजीने और भाजपाने गुरु को ही पछाड दिया है.
बाबासाहबने कहा था " जो दलित प्रतिनिधी प्रस्थापित पक्ष के तिकीट पर ससंद मे आते है वो सिर्फ उबासी ( जांभई ) देनेके लिये अपना मुंह खोलते है.
आठवलेजी क्या करते है देखना है.

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