कश्मीर समस्या का समाधान कश्मीर की जनता को विश्वास में लिए बिना नामुमकिन है।भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत में यह प्रस्थापना रही ही नहीं है जो कि आज भी जारी है।दोनों देश की सरकारों के लिए हमेशा से कश्मीर राजनीतिक हॉट केक रहा है।अलगाव,घृणा,हिंसा,दमन,दहशतगर्दी और केवल अशांति आज तक का आउटपुट है।बेहिसाब जानें जा चुकि हैं ,मानवीय मर्यादा कई बार खाक हो चुकि है फिर भी गाडी ट्रेक पर नहीं है।कश्मीर पर जुमले और लतीफों की नहीं गहरी मानवीय सवेदनाओं को अंगीकार करने की जरूरत है।एक सवाल जरूर है कि जब दोनों देशों की सरकारें अपने अपने देश में न्यूनतम लोकतांत्रिक अधिकारों के हनन पर आमादा हैं तो क्या वे एतिहासिक रूप से अति जटिल कश्मीर समस्या का समाधान करने के लिए साझा राय बनाऐंगी ?
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