Sunday, July 3, 2016

पालमपुर में रचित रचना - मंजुल भारद्वाज

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१. क्रांति के तपोवन में
                       -मंजुल भारद्वाज
क्रांति के तपोवन में
बादलों पर कदम ताल करते युवा
अपनी बदलाव की ज़मीन को स्पर्श
करते हुए

क्रांतिपथ का निर्माण कर रहे हैं
बादलों से लिपटी भोर में
अपने पदचिन्हों की छाप छोड़ते हुए

अनजान रास्तों पर
अपने आप को खोजते हुए
निसर्ग की गोद में
अपने आप से मिलते हुए

अपने होने के बोध की तपिश को
बारिश की बूंदों से शीतल
और
चेतना की लौ से अंतर्मन को शांत करते हुए
क्रांति के तपोवन में
युवा क्रांति पथ का निर्माण करते हुए
( २७ जून , २०१६ , पालमपुर , हिमाचल प्रदेश )


२. नयी भोर उगने लगी
                       - मंजुल भारद्वाज
स्पर्श स्पन्दित हुआ
मन तरंगित हुआ
विचार ने ली अंगड़ाई
जागृत हुई तरुणाई

एक एक प्राण , प्रण बना
एक एक धड़कन गूंजने लगी
जीवन संगीत बजने लगा
जीवन मधुर , सुन्दर, सजीव
सार्थक हो खिल उठा

बजने लगा सरगम
धड़कने लगे जवां दिल
क्रांति राग सजने लगा

बिजली आसमान में कौंधने लगी
बादल गरजने बरसने लगे
निर्मल हो प्रकृति
झरझर बहने लगी
एक नयी भोर उगने लगी
( २८ जून , २०१६ पालमपुर , हिमाचल प्रदेश )

३ इतिहास कहता है ,अक्सर
-    मंजुल भारद्वाज
इतिहास कहता है ,अक्सर
अँधेरा दूर करने वाले
उजाला नहीं देख पाते
रातों को खपने वाले
सवेरा नहीं देख पाते

मैंने सुने हैं
रात के सन्नाटे में चीखते क्रांति स्वर
मैंने देखें हैं
भोर तक खामोश होते क्रांति स्वर
यह इतिहास हौंसले को पस्त करता है
डराता है अपने सिद्धांत,तथ्यों और दस्तावेजों से
कि जो होगा , अगले जन्म होगा
मैं बदलना चाहता हूँ नीयती
लिखना चाहता हूँ नया इतिहास
इतिहास में लिखे सिद्धांतों , तथ्यों को
देना चाहता हूँ नए आयाम ,नए मायने
जो हौंसला भर दें
सकारात्मक बदलाव की नयी
इबारत लिख दें
अंधेरों से लड़ने वालों को
अपने सवेरे का उजाला दे दें
हिंसा को प्यार से भर दें
शहादत को सहवास में बदल दें !
..........
 ( २९ जून , २०१६ पालमपुर , हिमाचल प्रदेश )



संपर्क - मंजुल भारद्वाज .
373/ 18 , जलतरंग ,सेक्टर 3 , चारकोप ,कांदिवली (पश्चिम)  मुंबई -400067.
फोन : 9820391859
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