विशेष। गुजरात में जिस तरह तथाकथित देशभक्त गोमाता रक्षको ने निहत्थे दलितों को जिस तरह सरेआम नंगा करके पिटाई की इसके बाद इस घटना ने पुरे देश के सजग और दलित समाज के लोगो को आंदोलित कर दिया है कहने को सभी बुद्धिजीवी सिवाय संघ ब्राह्मणों को छोड़ को दुःख हुआ है लेकिन ऐसा नहीं है क्योकि ब्राह्मण एक जाति नहीं बल्कि एक यूरोपियन प्रजाति है जो भारत में हमलावर के रूप में आये थे , समय मिलने पर इन्होने अपना वर्चस्व बढया और सत्ता पर काबिज हो यहाँ के मूल निवासिओ को समाज के सबसे निचे पायदान पर ही नहीं लाके रखा बल्कि अपने मालिक होने को अपने उत्पीडन करने के आधिकार को एक धार्मिक जामा पहना दिया और कह दिया की समाज का विभाजन भगवान ने किया है
इसलिए ये ब्राह्मण कही भी किसी भी रूप में रहे लेकिन अंतत ये लोग केवल सिर्फ केवल ब्राह्मण हित की ही बाते करेंगे चाहे वो कांग्रेस के हो या वामंथी ये कभी भी किसी भी देश या समाज के नहीं हो सकते ये केवल ब्राह्मणों के ही होते है , इसलिए ये लोग कही भी रहे दुनिया में भारत से गए कही भी रहे लेकिन भेदभाव , गंदगी इन लोगो ने पूरी दनिया में फैला दी है, यहाँ तक की इसाई, मुस्लिम जिसमे जाति है ही नहीं उन लोगो ने भी इनकी इस गंदगी को अपना लिया है
खैर दलितों पर अत्याचार की कहानी सदियों पुरानी है जिसका पुरजोर विरोध करते आ रहे है दलित लेकिन बावजूद इसके ये लोग अपनी सत्ता को बनाये रखने के लिए दलित पर जुल्म लगातार करते जा रहे है
इनकी दूर्द्रष्टि कार्यक्रम देखिये इन लोगो ने भविष्य में होने वाले दलित हमले या आन्दोलन को दिमाग में रखते हुए सेना को उसी उसी जगह पर मजबूत बेस बनाए है जहा पर दलित संख्या ज्यादा है और दलित आन्दोलन होने पर सवर्णों को खतरा होगा जैसे गुजरात , महाराष्ट्र के आदिवासी इलाके, बिहार झाख्न्द दांतेवाडा, ओडिया हर जगह इसी तरह पूर्वोतर के इलाके जहा पर सेना आज भी आतंकी की तरह कार्यवाही करती है और जिसे चाहे उठा कर गोली मार देती है , और इसके साथ-साथ सेना में दलित आरक्षण नहीं रखा गया है लेकिन प्राथना पत्र में जाति जरूर पूछते है ताकि बड़ी सफाई से इनको निकला जा सके
पिछले कुछ दशक से मुस्लिम दलित और ओ बी सी समाज काफी सजग होता जा रहा है वैसे खासतौर पर ओ बी सी समाज जो ब्राह्मणों के कहने पर दलितों के खिलाफ बोलता था अब समझ गया है की उसकी जड बुधि और कंजरो जैसी हालात का जिमेदार सिर्फ ब्राह्मण है
दलितों, मुस्लिम पर अत्याचार दंगे आम बात हो गई थी, इधर ओ बी सी समाज भी जागृत हो गया है लेकिन ब्राह्मण अपनी हर ताकत को आजमा रहा अहै लेकिन अब ये सब बाते विफल हो रही है
गुजरात की घटना ने जिसमे दलितों को सरेआम पिटा गया इसके बाद पुरे गुजरात में और देश में रोष व्याप्त हो गया है भगवा आतंक के खिलाफ जो ब्राह्मणों ने कभी गोमांस, कभी मंदिर, कभी राष्ट्रवाद के नाम पर चला रखे है इसके खिलाफ अब हर तरफ से आवाजे उठ रही है
अगर ऐसे ही चलता रहा तो देश में बहुत जल्दी ही एक गृहयुद्ध होने जा रहा है जिसमे निश्चित तौर पर ब्राह्मणों का और उन सभी जातिवादी लोगो का उन्मूलन हो जाएगा और तभी इस देश में सभी लोग चैन से इमानदारी से ख़ुशी से जी सकेंगे, सभी लोग पेट भर खाना खायंगे सबके सर पर छत होगी, सभी शिक्षित और सुरक्षित होंगे, लेकिन जब तक इस देश में ब्राह्मण है तब तक कुछ नहीं होगा
नोट : लेख मूल रूप से ”जन उदय” के http://www.januday.com/NewsDetail.aspx?Article=8931 पर प्रकाशित है।
तीसरी जंग दुवारा प्रकाशित उक्त लेख पर अपना किसी भी प्रकार का कोई दावा/clame नहीं है। उक्त लेख में लिखित विचार/भाव का तीसरी जंग से कोई सरोकार नहीं हैु। लेख संपादन : रूप किशोर राजपूत, सह-संपादक
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