Saturday, July 9, 2016

Himanshu Kumar · तीनों आदिवासी लड़कियों को पुलिस ने छोड़ दिया है ၊ लड़कियों नें बताया है कि पुलिस वाले उन्हें बन्दूक दिखा कर डरा रहे थे पुलिस वाले लड़कियों से कह रहे थे कि अगर चिल्लाओगी तो मार देंगे लड़कियों को बाज़ार से उठा कर गाड़ी में डाल कर ले जाकर छतीसगढ़ के कोंटा थाने में रखा गया था पुलिस वालों नें इन लड़कियों को धमकी देकर छोड़ा है कि तुम तीनों हर बृहस्पतिवार को चार बजे आकर हमसे मिलोगी और अगर तुम तीनों हमसे मिलने नहीं आओगी तो तुम्हें फिर से घर से उठा कर ले जायेंगे बताइये देश के आदिवासी अपनी बेटियों की रक्षा कैसे करें ?


तीनों आदिवासी लड़कियों को पुलिस ने छोड़ दिया है ၊
लड़कियों नें बताया है कि पुलिस वाले उन्हें बन्दूक दिखा कर डरा रहे थे
पुलिस वाले लड़कियों से कह रहे थे कि अगर चिल्लाओगी तो मार देंगे
लड़कियों को बाज़ार से उठा कर गाड़ी में डाल कर ले जाकर छतीसगढ़ के कोंटा थाने में रखा गया था
पुलिस वालों नें इन लड़कियों को धमकी देकर छोड़ा है कि तुम तीनों हर बृहस्पतिवार को चार बजे आकर हमसे मिलोगी
और अगर तुम तीनों हमसे मिलने नहीं आओगी तो तुम्हें फिर से घर से उठा कर ले जायेंगे
बताइये देश के आदिवासी अपनी बेटियों की रक्षा कैसे करें ?

आपको याद होगा कुछ दिन पहले सुरक्षा बल, मड़कम हिड़मे नाम की एक आदिवासी लड़की को घर से खींच कर ले गये थे
जंगल में ले जाकर सुरक्षा बलों नें उस लड़की के साथ बलात्कार किया और फिर उसकी हत्या कर दी थी
कल सुरक्षा बलों नें फिर से तीन आदिवासी लड़कियों को पकड़ लिया है
ये लड़कियां भी मारी गई हिड़मे के पड़ोसी गांव की हैं
ये तीनों लड़कियां इंग्रेम कसबे में लगने वाले बाज़ार से अपने गांव लौट रही थी
रास्ते में सुरक्षा बलों के सिपाहियों नें इन लड़कियों को पकड़ लिया है
गायब की गई लड़कियों के गांव की महिलायें इन लड़कियों को खोजने गई हुई हैं
हम मामले पर नज़र रखे हुए हैं
मीडिया के साथी कृपया सुकमा पुलिस से पूछताछ करें
ताकि तीनों लड़कियों की सुरक्षा खतरे में ना पड़ सके

अगर आपको लगता है कि ज़ाकिर नाइक के भाषण सुन कर कोई आतंकवादी हरकत करता है
तो आतंकवादी हरकत करने वाले पर कार्यवाही कीजिये
जाकिर नायक पर कार्यवाही की मांग मत कीजिये
क्योंकि अगर आप ऐसी मांग करेंगे तो अपने तर्क में खुद ही फंस जायेंगे
जैसे सरकार लम्बे समय से कोशिश कर रही है कि
आदिवासियों के लिये आवाज़ उठाना जुर्म घोषित कर दे
और आवाज़ उठाने वाले को जेलों में डाल दे
सरकार वहाँ भी यही तर्क लगाती है
सरकार कहती है कि आदिवासियों के लिये नक्सलवादी लड़ रहे हैं
और यह मानवाधिकार वाले भी आदिवासियों के लिये आवाज़ उठाते हैं
इससे यह सिद्ध होता है
कि मानवाधिकार कार्यकर्ता और नक्सलवादी एक ही विचारधारा के हैं
और चूंकी नक्सलवादी हिंसक संघर्ष में यकीन करते हैं
इसलिये मानवाधिका कार्यकर्ताओं को भी जेल में डाल देना चाहिये
सरकार यह भी कहती है कि यह सामाजिक कार्यकर्ता नक्सलियों के प्रति सहानुभूति रखते हैं
इसलिये इन सामाजिक कार्यकर्ताओं को सज़ा दी जाय
और इस तर्क के आधार पर बहुत सारे कार्यकर्ताओं को पुलिस जेल में डाल भी देती है
सोनी सोरी , बिनायक सेन , प्रशांत राही , सीमा आज़ाद और सैकड़ों कार्यकर्ताओं को पुलिस ने जेलों में डाला भी है
लेकिन भारत का सर्वोच्च न्यायालय इस मामले में कई बार संविधान की मंशा स्पष्ट कर चुका है
सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि विचारधारा को अपराध घोषित नहीं किया जा सकता
इसलिये अगर किसी की विचारधारा नक्सली, आतंकी , पृथकतावादी, अराजकता वादी या कोई और भी क्यों ना हो
उसे सज़ा नहीं दी जा सकती
सज़ा सिर्फ आपके द्वारा करी गई गतिविधि के लिये दी जा सकती है
सिर्फ उन्हीं गतिविधियों के लिये सज़ा दी जा सकती है
जिन्हें भारतीय दंड संहिता यानी आईपीसी में अपराध माना गया हो
मेरे बारे में छत्तीसगढ़ सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दर्खवास्त दी कि हिमांशु कुमार नक्सलियों के प्रति सहानुभूति रखता है
इसलिये कोर्ट हिमांशु कुमार की बात ना सुने
सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से कहा कि किसी के प्रति सहानुभूति रखना कोई अपराध नहीं है
हिमांशु कुमार जो कोर्ट में मामला लाये हैं उस पर जवाब दीजिये
उसके अलावा कोई किताब रखना , कोई भाषण देना , किसी संगठन का सदस्य होना , किसी के प्रति सहानुभूति रखना अपराध नहीं माना जायेगा
क्योंकि अगर आप ऐसा कर देते हैं
तो कल को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ कहेगा कि जो हमारी विचारधारा को नहीं मानेगा उसे जेल में डाल दिया जायेगा
क्योंकि संघ की विचारधारा राष्ट्रवादी है इसलिये संघ के अलावा बाकी विचारधारायें राष्ट्रद्रोही हैं
तब आप अपने ही तर्क में फंस जायेंगे
इसलिये सिर्फ भाषण देने के लिये जाकिर नाइक पर कार्यवाही करने का समर्थन मत कीजिये
वर्ना कल को किसी के भी भाषण देने पर सरकार पाबंदी लगा सकती है
भाषण का जवाब भाषण से दीजिये
अगर जाकिर नाइक गलत बात कह रहा है तो आप एक सही भाषण दीजिये
सरकार की ताकत का भीड़ द्वारा दुरुपयोग करने की कोशिश का हिस्सा मत बनिये
यह रास्ता आगे जाकर आप की गरदन तक पहुंचता है

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