अंबेडकरवादी होने का मतलब सूट-बूट पहनना नहीं है, न ही सभा-सेमिनारों में केवल भाषण देना और पत्र-पत्रिकाओं में लेख लिखना है। अंबेडकरवादी होने का मतलब है, भ्रष्ट सत्ता के ख़िलाफ आवाज़ उठाना, हर तरह के शोषण-अन्याय के ख़िलाफ प्रतिरोध दर्ज़ करना, संघर्ष करना, लड़ना-भिड़ना, सुविधाभोगी होने व चाटुकारिता से दूर रहना, समाज के लिए त्याग करना और जरूरत पड़ने पर बलिदान भी देना.. अगर कोई ऐसा नहीं करता है तो निश्चित रूप से वह अंबेडकरवाद के नाम पर केवल अपनी निजी दुकानदारी चला रहा है....
(कल रात डॉ. Ratan Lal जी से बातचीत के बाद दोनों इस निष्कर्ष पर पहुँचे।)
(कल रात डॉ. Ratan Lal जी से बातचीत के बाद दोनों इस निष्कर्ष पर पहुँचे।)
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