Monday, July 4, 2016

Urmilesh Urmil समकालीन भारतीय राजनीति में अपने कतिपय योगदान के बावजूद माया और मुलायम सामाजिक न्याय और सामाजिक बदलाव की राजनीति के दो बड़े गुनहगार हैं। दोनों ने अपने निजी स्वार्थ और अहं की लड़ाई मे दलित-पिछड़ों को अलग-अलग कर दिया। बहुजन का सबसे ज्यादा नुकसान हुआ और 'सवर्ण अल्पजन' की चांदी हो गयी। देश और प्रदेश की सियासत में भगवा-भजपा को जगह इन्हीं दोनों की सियासत के चलते मिली। क्या नई पीढ़ी के राजनेता सबक लेंगे?

समकालीन भारतीय राजनीति में अपने कतिपय योगदान के बावजूद माया और मुलायम सामाजिक न्याय और सामाजिक बदलाव की राजनीति के दो बड़े गुनहगार हैं। दोनों ने अपने निजी स्वार्थ और अहं की लड़ाई मे दलित-पिछड़ों को अलग-अलग कर दिया। बहुजन का सबसे ज्यादा नुकसान हुआ और 'सवर्ण अल्पजन' की चांदी हो गयी। देश और प्रदेश की सियासत में भगवा-भजपा को जगह इन्हीं दोनों की सियासत के चलते मिली। क्या नई पीढ़ी के राजनेता सबक लेंगे?

No comments:

Post a Comment