Thursday, June 2, 2016

भारतीय जनतंत्र करो कुछ मत,अखबारों के पूरे पन्नों के रंगीन वि्ज्ञापन दो जनतंत्र प्राइवेट सैक्टर में बदल गया है

TaraChandra Tripathi
भारतीय जनतंत्र करो कुछ मत,अखबारों के पूरे पन्नों के रंगीन वि्ज्ञापन दो जनतंत्र प्राइवेट सैक्टर में बदल गया है

राम और भरत का पता तो लग गया, मारीच का भी. यह भी पता लग गया किभरत ने १३ साल सत्ता संभालते हुए भी राजपद ग्रहण नहीं किया. और चौदहवें साल गद्दी राम को सौंप दी. और राम ने ६६ वर्ष राज्य किया. लेकिन उनका अयोध्या से कोई संबन्ध नहीं है. आगे अगले सप्ताह परदे पर देखिये

हम में से जो लोग मातृ भाषाओं के चलन से बाहर होते जाने से चिन्तित हैं सदा अपने स्वभाषा मित्रों से, भले ही वे हिन्दी मेें उत्तर दें, केवल अपनी बोली में ही बोलने का संकल्प ले कर देखें तो! मैं तो आज से यह शुरू कर चुका हूं

क्या उत्तराखंड सरकार लोक भाषाओं को बचाने के लिए केवल १५ लाख रुपया वार्षिक बजट का प्राविधान नहीं कर सकती. शर्त यह है कि इस धनराशि में से १० लाख रुपया, प्रतिभागियों, उनको प्रेरित करने वाले अध्यापकों, प्रोत्साहित करने वाले प्रधानाचार्यों, और अभिभावकों को पुरस्कृत और सम्मानित करने के लिए सुनिश्चित हो.
इसकी एक विस्तृत परियोजना २०१२ में मैं उत्तराखंड भाषा संस्थान की कार्यकारिणी, जिसका एक सदस्य मुझे भी ना्व्वमित किया गया है, के समक्ष प्रस्तुत कर चुका हूँ.
के करछा! पुराण लोगनैल कै राखौ नै- पैलिक देखो ब्वारिकि उज, पै करिया गणे्शपुज. जो ब्वारि आपणि घाघरि नि सम्हालि सकणै, उ हमैरि भाषैकि साज-समाव के करैलि.


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