Thursday, June 2, 2016

मराठवाड़ा में सूखे की वजह आजीविका का संकट झेल रहे मच्छीमारों पर मेरी रिपोर्ट... "सूखे के नाम पर हमें लातूर परोसा जा रहा है। खाली बर्तनों की लंबी कतारें और जल स्त्रोतों पर लगी धारा 144। हमें पानी की रेल के जरिए समझाया जा रहा कि हमारे निजाम ने कम से कम लोगों प्यासे से मर जाने से बचा ही लिया। इस सब के बीच मराठवाड़ा के हजारों मच्छीमार परिवार हैं. इन लोगों की आजीविका ध्वस्त होने की कगार पर है और ये दांत भींच कर इस संकट को सहन करने के लिए मजबूर हैं। इस लोगों को हर तरह के विमर्श से बाहर धकेल दिया गया है।"

मराठवाड़ा में सूखे की वजह आजीविका का संकट झेल रहे मच्छीमारों पर मेरी रिपोर्ट...
"सूखे के नाम पर हमें लातूर परोसा जा रहा है। खाली बर्तनों की लंबी कतारें और जल स्त्रोतों पर लगी धारा 144। हमें पानी की रेल के जरिए समझाया जा रहा कि हमारे निजाम ने कम से कम लोगों प्यासे से मर जाने से बचा ही लिया।
इस सब के बीच मराठवाड़ा के हजारों मच्छीमार परिवार हैं. इन लोगों की आजीविका ध्वस्त होने की कगार पर है और ये दांत भींच कर इस संकट को सहन करने के लिए मजबूर हैं। इस लोगों को हर तरह के विमर्श से बाहर धकेल दिया गया है।"
मराठवाड़ा में सूखे की मार झेल रहे किसानों को राहत देने की बात और कोशिश कई स्तरों पर हो रही है लेकिन, सूखे से सीधे प्रभावित मछुआरे इस पूरी कवायद से बाहर हैं

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