भक्त सिर्फ मोदी के ही नहीं हैं, ये भी अच्छी बात है।
एक फेसबुकिया मित्र ने मथुरा प्रकरण पर मेरी एक पोस्ट पर टिप्पणी की - " Amalendu Upadhyaya जी, यह पेंसन उन सभी लोगों को मिल रही है जो १९७५-७६ मे आपातकाल के दौरान जेल गये हुये थे, बिना किसी भेदभाव के. आपको भी मिलती यदि आप जेल गये होते उस समय. इस तरह के मिसलीड करके Akhilesh Yadav सरकार को बदनाम करने का प्रयास न करें. "
मेरा उत्तर - "भाई, मेरे बदनाम करने से बदनाम हो जाएगी क्या ? मैं तो आपातकाल के बाद जेल गया जब अखिलेश यादव स्कूल में पढ़ रहे थे, और जब आपातकाल लगा तब मैंने पढ़ना शुरू किया। तो मुझे क्या आपातकाल सिखा रहे हैं आप। मैं बहुत से ऐसे लोगों को जानता हूँ जो चोरी-चकारी में आपातकाल में जेल गए और बाद में माननीय बन गए।"

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