दुनिया में आतंकी हमलों में मरने वालों की सख्या कम हुई
2016-06-04 15:45:13 cri
अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने दूसरी जून को वैश्विक आतंक विरोधी देशों के बारे में 2015 की रिपोर्ट जारी की। रिपोर्ट से जाहिर है कि वर्ष 2015 में पूरी दुनिया में हुए आतंकी हमले एवं उनमें मारे गए लोगों की संख्या कम हुई, जो 2012 के बाद पहली बार देखी गई। इसके बावजूद इस्लामिक स्टेट या आईएस सब से बड़ा आतंकी खतरा बना हुआ है। सोश्ल नेटवर्किंग साइट अंतर्राष्ट्रीय समाज का आतंकवादी संगठनों के साथ संघर्ष का नया रणक्षेत्र हो गया है।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के आतंकरोधी मामलों के एक जिम्मेदार व्यक्ति जस्टिन सिबरेल ने कहा कि वर्ष 2015 में संसार में आतंकी गतिविधियां और भी तितर-बितर तौर पर चलाई गईं। आतंकी हमलों और उनमें मरने वाले लोगों की संख्या दोनो में कमी आई।
अन्य एक खुशखबरी है कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के पूरे प्रयत्नों से इस्लामिक स्टेट के कब्जा वाले क्षेत्र बहुत घट गये हैं और उसका वित्तपोषण टूटने का आभास भी दिख रहा है तथा बाहर से उसके कब्जा वाले क्षेत्र जाने के विदेशी जवानों की तादाद भी कम हुई है।
जस्टिन सिबेरल ने कहा कि सोश्ल नेटवर्किंग साइट आतंकरोधी संघर्ष का नया रणक्षेत्र बन गया तो है, लेकिन इस्लामिक स्टेट भी इसके जरिए भर्ती संबंधी नोटिस जारी करता है। वह आगे भी इस तरीके से उन लोगों से संपर्क करेगा, जो आईएस में शामिल होना चाहते हैं। यह भी खतरा है। जस्टिन सिबेरल ने जानकारी दी कि इसपर चिंता के कारण उनकी संस्था ने अंदरूनी समायोजन किया और वैश्विक भागीदारी-केंद्र की स्थापना की, ताकि इस्लामिक स्टेट के बयानों का कारगर जवाब दिया जाए।
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