Himanshu Kumar
आदिवासी लड़की मड़कम हिड़मे को सिपाहियों नें घर से उठाया तब उसने साड़ी पहनी हुई थी ၊
सिपाहियों नें गांव से निकलते ही हिड़में को रौंदना शुरू कर दिया था
गांव वालों को गांव के बाहर ही हिड़मे के कपड़े और टूटी हुई चूड़ियाँ मिली हैं
हिड़मे का अपहरण करने वाले सैन्य बल में करीब दो सौ सैनिक थे
थाने तक पहुंचते पहुँचते उसके साथ अनगिनत सैनिकों नें बलात्कार किया
हिड़मे के स्तन और एक कान दाँत से काटे गये थे
अन्त में थाने ले जाकर हिड़में को बीस गोलियाँ मारी गई
उसके बाद हिड़में को नक्सलियों वाली वर्दी पहनाई गई ,
गलती से गोलियां मारने के बाद वर्दी पहनाई इसलिये वर्दी पर एक भी सुराख नहीं हुआ
सोनी सोरी जब सुकमा में एसपी कार्यालय गईं तो एक सिपाही ने बताया कि मड़कम हिड़में का नाम हमारे पास कई साल से था
असल में गलती से इस मड़कम हिड़में को मारा गया है
पुलिस जिस मड़कम हिड़मे को मारना चाहती थी वह सुप्रीम कोर्ट मे एक मामले में सह आवेदक है
मैं उस मामले में मुख्य आवेदक हूँ
उस मामले में सरकार द्वारा सोलह आदिवासियों को मार डाला गया था
उस मड़कम हिड़मे के पति को मारा गया था
जबकि अभी मारी गई मड़कम हिड़मे की इस साल शादी होने वाली थी
पुलिस सुप्रीम कोर्ट के आवेदक को मारने की ज़ुर्रत भी कर सकती है
विश्वास नहीं हो रहा ना ?
पहले मुझे भी विश्वास नहीं होता था ၊
अब सरकार की किसी भी गैर कानूनी हरकत पर आश्चर्य नहीं होता ၊
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