Friday, June 17, 2016

Rajiv Nayan Bahuguna Bahuguna आज अपने आपदाग्रस्त गांव सिल्यारा में । हम सामुदायिकता के अनुयायी संकट में एकजुट हो जाते हैं । गांव के एक बालक ने पूछा - सिगरेट लाऊँ चाचा जी ? मैंने कहा- हुक्का निकाल अपने पिता का। और फिर मेरी चिलम भरता दिख रहा है एक सुयोग्य डॉक्टर । मेरे गांव का वासी ।



आज अपने आपदाग्रस्त गांव सिल्यारा में । हम सामुदायिकता के अनुयायी संकट में एकजुट हो जाते हैं । गांव के एक बालक ने पूछा - सिगरेट लाऊँ चाचा जी ? मैंने कहा- हुक्का निकाल अपने पिता का। और फिर मेरी चिलम भरता दिख रहा है एक सुयोग्य डॉक्टर । मेरे गांव का वासी ।

No comments:

Post a Comment