Wednesday, July 13, 2016

Bhanwar Meghwanshi गुजरात में तालिबानी गौ रक्षकों के हमले के शिकार लोगों के प्रति सहानुभूति के बजाय मुझे गुस्सा अधिक है.पहली बात तो यह कि किसी की मरी हुई पशु समान मां का चमड़ा उतारोगे तो इनाम में इन पशुपुत्रों से पशुवत व्यवहार ही मिलेगा.दूसरी बात यह कि जब बाबा साहब अम्बेडकर ने आजादी से पहले ही अछूतों से कह दिया था कि गंदे काम छोड़ो ,तो इन नामुरादों को अब तक अकल नहीं आई.अभी तक चमड़े के ही चिपके हुये है ? जब तक गुलामी जारी रहेगी.जुल्म जारी रहेगा.निहत्थे तो थे नहीं ये,जिस हथियार से चमड़ा उतार रहे थे.उसीसे दो चार पशुभक्तों को नरकवास करवा देते, तो रोज रोज का झंझट ही मिट जाता.अभी भी वक्त है गुलामों जागो और बदला लेना सीखो.तभी बदलाव आयेगा.

गुजरात में तालिबानी गौ रक्षकों के हमले के शिकार लोगों के प्रति सहानुभूति के बजाय मुझे गुस्सा अधिक है.पहली बात तो यह कि किसी की मरी हुई पशु समान मां का चमड़ा उतारोगे तो इनाम में इन पशुपुत्रों से पशुवत व्यवहार ही मिलेगा.दूसरी बात यह कि जब बाबा साहब अम्बेडकर ने आजादी से पहले ही अछूतों से कह दिया था कि गंदे काम छोड़ो ,तो इन नामुरादों को अब तक अकल नहीं आई.अभी तक चमड़े के ही चिपके हुये है ? जब तक गुलामी जारी रहेगी.जुल्म जारी रहेगा.निहत्थे तो थे नहीं ये,जिस हथियार से चमड़ा उतार रहे थे.उसीसे दो चार पशुभक्तों को नरकवास करवा देते, तो रोज रोज का झंझट ही मिट जाता.अभी भी वक्त है गुलामों जागो और बदला लेना सीखो.तभी बदलाव आयेगा.

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