देहरादून के रायपुर में विधानसभा भवन निर्माण के खिलाफ कर्णप्रयाग में प्रेस वार्ता
प्रेस वार्ता हेतु हैण्ड आउट
• देहरादून के रायपुर में विधानसभा भवन बनाने के लिए टेंडर जारी होने के साथ ही एक बार फिर यह स्पष्ट हो गया कि मुख्यमंत्री हरीश रावत के नेतृत्व वाली उत्तराखंड सरकार की मंशा गैरसैण को राजधानी बनाने की नहीं है.
• देहरादून से उत्तराखंड सरकार राजधानी को अन्यत्र नहीं ले जाना चाहती,यह एन.बी.सी.सी. द्वारा जारी टेंडर को देख कर भी स्पष्ट है.रायपुर में न केवल विधानसभा भवन बनाने के लिए टेंडर जारी किया गया है बल्कि सचिवालय भवन बनाने के लिए भी टेंडर जारी किया गया है.देहरादून में पहले से ही विधानसभा भवन और सचिवालय भवन होने के बावजूद यदि दोबारा देहरादून में ही विधानसभा भवन और सचिवालय भवन निर्माण के टेंडर जारी किये गए हैं तो इससे स्पष्ट है कि हरीश रावत जी और उनकी सरकार की मंशा स्थायी रूप से देहरादून में ही राजधानी की जड़ें जमाने की है.
• उक्त सभी तथ्य यह स्पष्ट करते हैं कि राज्य सरकार की मंशा गैरसैंण को राजधानी बनाने की नहीं है और इसलिए वहां विधानसभा भवन सिर्फ एक ऐसा झुनझुना है,जिसके जरिये राज्य सरकार लोगों की भावनाओं का दोहन करना चाहती है और इस मसले पर पैदा होने वाले आक्रोश को नियंत्रित करना चाहती है.
• रायपुर में विधानसभा भवन निर्माण के टेंडर जारी होने के बाद विधानसभा के अध्यक्ष श्री गोविन्द सिंह कुंजवाल और नेता प्रतिपक्ष श्री अजय भट्ट द्वारा रायपुर में विधानसभा भवन बनाने के खिलाफ सार्वजानिक बयान दिए गए.श्री कुंजवाल द्वारा तो यहाँ तक कहा गया कि उनकी जानकारी में रायपुर में विधानसभा भवन बनाने का प्रस्ताव ही नहीं है.
• यह बेहद अफसोसजनक है कि विधानसभा अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष जैसे संवैधानिक पदों पर बैठे हुए उक्त दोनों महानुभाव लोगों की आँखों में धूल झोंकने के लिए झूठ का सहारा ले रहे हैं.
• सूचना का अधिकार(आर.टी.आई.) से प्राप्त दस्तावेज बता रहे हैं कि उत्त्तराखंड की विधानसभा में बैठने वाले सभी लोगों में इस बात पर सहमति है कि देहरादून के रायपुर में विधानसभा भवन बने.
• 12 दिसम्बर 2013 का पत्रावली संख्या -1662/xxxii/2013-01(तेरह)(51)/2013,राज्य संपत्ति अनुभाग- 1 विस्तार से देहरादून के रायपुर में विधानसभा भवन बनाने की योजना की चर्चा करता है.
• उक्त पत्र में यह दर्ज है कि रायपुर में विधानसभा भवन बनाने पर मा.विधानसभा अध्यक्ष और मा.नेता प्रतिपक्ष की सहमति राज्य सरकार द्वारा प्राप्त की गयी है.
• 13 जिलों के छोटे से राज्य में तीन विधानसभा भवनों और दो सचिवालय भवनों का कोई औचित्य नहीं है.यह सार्वजानिक धन की बर्बादी है.इसलिए हमारी मांग है कि रायपुर में विधानसभा और सचिवालय के निर्माण का टेंडर निरस्त किया जाए और तत्काल गैरसैंण को राज्य की स्थायी राजधानी घोषित किया जाए.
• देहरादून के रायपुर में विधानसभा भवन बनाने के लिए टेंडर जारी होने के साथ ही एक बार फिर यह स्पष्ट हो गया कि मुख्यमंत्री हरीश रावत के नेतृत्व वाली उत्तराखंड सरकार की मंशा गैरसैण को राजधानी बनाने की नहीं है.
• देहरादून से उत्तराखंड सरकार राजधानी को अन्यत्र नहीं ले जाना चाहती,यह एन.बी.सी.सी. द्वारा जारी टेंडर को देख कर भी स्पष्ट है.रायपुर में न केवल विधानसभा भवन बनाने के लिए टेंडर जारी किया गया है बल्कि सचिवालय भवन बनाने के लिए भी टेंडर जारी किया गया है.देहरादून में पहले से ही विधानसभा भवन और सचिवालय भवन होने के बावजूद यदि दोबारा देहरादून में ही विधानसभा भवन और सचिवालय भवन निर्माण के टेंडर जारी किये गए हैं तो इससे स्पष्ट है कि हरीश रावत जी और उनकी सरकार की मंशा स्थायी रूप से देहरादून में ही राजधानी की जड़ें जमाने की है.
• उक्त सभी तथ्य यह स्पष्ट करते हैं कि राज्य सरकार की मंशा गैरसैंण को राजधानी बनाने की नहीं है और इसलिए वहां विधानसभा भवन सिर्फ एक ऐसा झुनझुना है,जिसके जरिये राज्य सरकार लोगों की भावनाओं का दोहन करना चाहती है और इस मसले पर पैदा होने वाले आक्रोश को नियंत्रित करना चाहती है.
• रायपुर में विधानसभा भवन निर्माण के टेंडर जारी होने के बाद विधानसभा के अध्यक्ष श्री गोविन्द सिंह कुंजवाल और नेता प्रतिपक्ष श्री अजय भट्ट द्वारा रायपुर में विधानसभा भवन बनाने के खिलाफ सार्वजानिक बयान दिए गए.श्री कुंजवाल द्वारा तो यहाँ तक कहा गया कि उनकी जानकारी में रायपुर में विधानसभा भवन बनाने का प्रस्ताव ही नहीं है.
• यह बेहद अफसोसजनक है कि विधानसभा अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष जैसे संवैधानिक पदों पर बैठे हुए उक्त दोनों महानुभाव लोगों की आँखों में धूल झोंकने के लिए झूठ का सहारा ले रहे हैं.
• सूचना का अधिकार(आर.टी.आई.) से प्राप्त दस्तावेज बता रहे हैं कि उत्त्तराखंड की विधानसभा में बैठने वाले सभी लोगों में इस बात पर सहमति है कि देहरादून के रायपुर में विधानसभा भवन बने.
• 12 दिसम्बर 2013 का पत्रावली संख्या -1662/xxxii/2013-01(तेरह)(51)/2013,राज्य संपत्ति अनुभाग- 1 विस्तार से देहरादून के रायपुर में विधानसभा भवन बनाने की योजना की चर्चा करता है.
• उक्त पत्र में यह दर्ज है कि रायपुर में विधानसभा भवन बनाने पर मा.विधानसभा अध्यक्ष और मा.नेता प्रतिपक्ष की सहमति राज्य सरकार द्वारा प्राप्त की गयी है.
• 13 जिलों के छोटे से राज्य में तीन विधानसभा भवनों और दो सचिवालय भवनों का कोई औचित्य नहीं है.यह सार्वजानिक धन की बर्बादी है.इसलिए हमारी मांग है कि रायपुर में विधानसभा और सचिवालय के निर्माण का टेंडर निरस्त किया जाए और तत्काल गैरसैंण को राज्य की स्थायी राजधानी घोषित किया जाए.
सुभाष गैरोला
अध्यक्ष,नगरपालिका परिषद
कर्णप्रयाग
अध्यक्ष,नगरपालिका परिषद
कर्णप्रयाग
अरविन्द सिंह चौहान
संयोजक
परिवर्तन यूथ क्लब
संयोजक
परिवर्तन यूथ क्लब
इन्द्रेश मैखुरी
सदस्य,राज्य कमेटी
भाकपा(माले)
सदस्य,राज्य कमेटी
भाकपा(माले)
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