Thursday, July 7, 2016

Jayantibhai Manani 1. केन्द्रीय विश्वविध्यालयो के एसो. प्रो. और प्रो. के पद पर क्यों नहीं लागु 27% ओबीसी आरक्षण? 2. जाति आधारित जनगणना में ओबीसी के आंकड़े क्यों नहीं हुवे प्रसिध्ध? 3. न्यायालय में ओबीसी आरक्षण क्यों नहीं है लागु? 4. गुजरात के सरकारी ओबीसी हॉस्टल में प्रवेश की वार्षिक इनकम मर्यादा 48 हजार और जनरल क्लास को 10% आरक्षण 6 लाख की वार्षिक इनकम पर क्यों?

1. केन्द्रीय विश्वविध्यालयो के एसो. प्रो. और प्रो. के पद पर क्यों नहीं लागु 27% ओबीसी आरक्षण?
2. जाति आधारित जनगणना में ओबीसी के आंकड़े क्यों नहीं हुवे प्रसिध्ध?
3. न्यायालय में ओबीसी आरक्षण क्यों नहीं है लागु?
4. गुजरात के सरकारी ओबीसी हॉस्टल में प्रवेश की वार्षिक इनकम मर्यादा 48 हजार और जनरल क्लास को 10% आरक्षण 6 लाख की वार्षिक इनकम पर क्यों?
देश का ओबीसी अजगर अब नींद से उठकर अपने संवैधानिक अधिकारों को लागु करवाने के लिए जाग चूका है. पुरे देश का ओबीसी समुदाय आज बैचेन है. ओबीसी प्रतिनिधियों ने अपनी बैचेनी को नागपुर में व्यक्त किया. महाराष्ट्र के बलिराज धोते ने अपने ओबीसी साथियो का साथ लेकर नागपुर में दि.3- 7 - ;16 को ओबीसी की राष्ट्रिय बैठक का आयोजन किया था.
महाराष्ट्र ओबीसी सेवा संघ के अध्यक्ष प्रदीप ढोबले, भारतीय पिछड़ा शोषित संगठन की राष्ट्रिय कारोबारी के सदस्य ज्ञानेश्वर गोबरे, विकास काले, सुनीता काले, रेलवे ओबीसी एम्प्लोयीज वेल्फेर असोसिएशन के चंद्रशेखर यादव, डॉ. उमाशंकर वाराणसी, गुजरात प्रदेश ओबीसी समर्थन समिति के प्रमुख हरसुख भाई सोलंकी, मै और हमदोनों की जिवंसंगिनियो के साथ नागपुर के MLA हॉस्टल के होल में आयोजित ओबीसी कार्यकर्ताओ और पदाधिकारियोवकी की राष्ट्रिय बैठक को अटेण्ड किया.
महाराष्ट्र के प्रबोधनकार अरविन्द माली के 625 पृष्ठ के हिंदी पुस्तक "सत्यशोधक समाज प्रबोधन" का विमोचन भी किया गया था. उन के मराठी भाषा में कई पुस्तके प्रकाशित हुवे थे.

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