Saturday, June 25, 2016

डॉ बी आर आंबेडकर के निवास और प्रेस पर बुलडोजर चलाया --------आंबेडकरी चळवळीचा विश्वासघात------------------------------------------------------------ मुंबई में कल देर रात्री में भारतरत्न बाबासाहेब डॉ आंबेडकर द्वारा बनवाये उनके निवास आंबेडकर भवन और उनकी बनवायी प्रेस बुद्धभूषण प्रेस जैसी ऐतिहासिक महत्व के स्थान पर उसी बीजेपी सरकार ने बुलडोजर चलवाया है जिसने अभी अभी उनकी 125 वी जयंती बड़े धूमधाम से मनायी है ।

डॉ बी आर आंबेडकर के निवास और प्रेस पर बुलडोजर चलाया 
आंबेडकरी चळवळीचा विश्वासघात
Bhanwar Meghwanshi wrote:

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मुंबई में कल देर रात्री में भारतरत्न बाबासाहेब डॉ आंबेडकर द्वारा बनवाये उनके निवास आंबेडकर भवन और उनकी बनवायी प्रेस बुद्धभूषण प्रेस जैसी ऐतिहासिक महत्व के स्थान पर उसी बीजेपी सरकार ने बुलडोजर चलवाया है जिसने अभी अभी उनकी 125 वी जयंती बड़े धूमधाम से मनायी है । इसी बीजेपी सरकार ने उनकी जयंती के अवसर पर ऐतिहासिक दो दिन का विशेष संसद सत्र भी बुलवाया था । इसी बीजेपी सरकार ने उनके लंदन में अस्थायी निवास को भी बड़े गाजे बाजे के साथ खरीदा था । इसी पार्टी की सरकार ने जापान में भगवे साफे में डॉ आंबेडकर की मूर्ति का भी अनावरण किया था । ज्ञातव्य है कि राज्य में उसी बीजेपी की सरकार है जिसकी केंद्र में भी सरकार है । राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस है तो वहीं केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं ।
इस घटना पर संतप्त लोगों की प्रतिक्रिया है कि इस बीजेपी सरकार का आंबेडकर प्रेम दिखावा है और असली मकसद डॉ आंबेडकर और उनसे जुड़ी तमाम चीजों को भ्रष्ट अथवा नष्ट करना है । जहाँ नष्ट करना संभव हो वहाँ नष्ट किया जाये और जहाँ संभव न हो वहाँ भ्रष्ट किया जाए । यह पॉलिसी अब तक की घटनाओं से स्पष्ट समझ आती है । इसी बीजेपी पार्टी की सरकार ने गुजरात व राजस्थान की पाठ्य पुस्तकों से डॉ आंबेडकर का पाठ भी हटाया है । इसी पार्टी के आदर्श रहे सावरकर डॉ आंबेडकर के घोर विरोधी के रूप में जाने जाते हैं जबकि इसी पार्टी के प्रमुख आदर्श गोलवलकर और हेडगेवार की नीतियाँ डॉ आंबेडकर के एकदम उलट हैं । डॉ आंबेडकर अगर धर्म निरपेक्ष भारत के हिमायती थे तो ये बहुसंख्यक शूद्र-अतिशूद्र के उत्पीड़क रामराज्य के हिमायती हैं । डॉ आंबेडकर अगर पिछड़ों के पर्याप्त प्रतिनिधित्व के हिमायती थे तो ये घोर विरोधी हैं । वास्तव में वे आंबेडकर का इस्तेमाल मुस्लिमों के विरोध में करना चाहते हैं ताकि दलित-मुस्लिम गठजोड़ न बन सके और ये दोनों आपस में लड़कर कमजोर हो जाएँ । "एक तीर से दो शिकार" और "हाथी के दाँत खाने के और व दिखाने के और"का यह जीता जागता उदाहरण है ऐसा जानकारों का कहना है ।
वाया Vidrohi-Sumedh Ranvir
Sangita Ramteke wrote
आंबेडकरी चळवळीचा विश्वासघात
सरकारचा दलाल रत्नाकर गायकवाड याच्या मध्यस्तीने आज पहाटे ३.०० वाजता दिनांक २५ जून रोजी आंबेडकर भवन पाडण्यात आले. विश्वस्तांना कोणतेही अधिकार नसताना भवन घशात घालायला सुरुवात झाली आहे. या भवन बाहेर बाबासाहेब आंबेडकरांची बुद्धभूषण प्रेस होती ती देखील अर्धी अधिक पावसाचा गैरफायदा घेऊन पाडण्यात आली. चोरी करण्याच्या गोष्टी रात्रीच करण्यात येतात त्याप्रमाणे भवन देखील रात्रीच पाडण्यात आले. आजपर्यत पीपल्स इम्परोव्हमेंट ट्रस्टच्या या ट्रस्टीने फक्त खायचे काम केले आहे. चोरांच्या ताब्यात असलेली हि ट्रस्ट बाबासाहेबांनी समाजकरिता बांधली होती परंतु रत्नाकर गायकवाड च्या माध्यमातून आज हि जागा 5 स्टार हॉटेल साठी बळकवण्याचे काम चालू आहे. जो काही प्लान दाखवण्यात येत आहे त्यात काही तथ्य नाही. सानपाडा येथे देखील या ट्रस्ट ने असाच प्रकार केला असून फक्त व्यावसायिक वापरकरिता हे भवन उपलब्ध आहे. मित्रांनो अजून किती वेळ गप्प राहणार? दलालांना धडा शिकवण्याची वेळ जवळ आली आहे. पैशासाठी आंबेडकरी वास्तू घशात घालायला निघालेल्या डोमकावळ्याना हद्दपार केलेच पाहिजे. जर बाबासाहेबांचे रक्त तुमच्या धमान्यात असेल तर ताबोडतोब हा मेसेज मिळताच आंबेडकर भवन ला आपल्या सहकाऱ्यांसोबत पोहोचा.
(मेसेज वेळ दिनांक २५ जून २०१६ / ७.३०)
हा मेसेज वाचल्यानंतर सगळीकडे फॉरवर्ड करा
तसेच अडिशनल कमिशनर सोबत आनंदराज आंबेडकर यांची बैठक सुरु आहे
: बाळासाहेब पुण्यावरून निघालेत सर्व कार्यकर्त्यांना आंबेडकर भवन येथे उपस्थित राहण्याच्या सूचना दिल्या आहेत

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