Kumar Gaurav
रक्षा मंत्रालय पुलगांव वाली घटना पर मिडिया द्वारा किए गए कवरेजों, खबरों को संज्ञान में लें एवं गोपनीय जानकरी सार्वजनिक रूप से साझा करने के कारण इन्हें चेतावनी दी जाए-
पुलगांव की घटना पर जिस तरह की खबरों को प्रकाशित किया गया वह राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि बेहद खतरनाक हो सकता है. रक्षा मंत्रालय इस बात को संज्ञान में ले. 31 मई को वर्धा जिले के पुलगांव में सेना के डिपो में विस्फोट हुआ इस घटना की कवरेज करते हुए जिस तरह से अखबारों ने सेना के इस डिपो की बारीक से बारीक चीजों को रेखांकित किया मसलन डिपो में किस-किस तरह की सामग्री सेना द्वारा रखी जाती है. सेना द्वारा सुरक्षा के लिहाज़ क्या-क्या कदम उठाए गए हैं इत्यादि. सेना के यह क्षेत्र कई कारणों से अत्यधिक सुरक्षा में एवं इन क्षेत्रों की जानकरी गोपनीय रखी जाती है, परंतु पुलगांव की घटना पर जिस तरह से रिपोर्टिंग की गई वह राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से खतरनाक है. सेना के बारूदी डिपो की सम्पूर्ण जानकारी का मीडिया में आना गलत है. रक्षा मंत्रालय को सेना से सम्बंधित इस तरह की रिपोर्टिंग को गंभीरता से लेना चाहिए.
अखबारों को पढ़ते वक्त हमें डिपो की वह जानकरियां भी मिली जो हमें चार साल वर्धा में रहते हुए भी पता नहीं चली. इस लिहाज़ से देखा जाए तो डिपो से सम्बंधित जानकरी, सेना हथियारों के स्थान इत्यादि की जानकरी प्रकाशित करने से एक ख़तरा भी उत्पन्न होता है. मिडिया इस घटना की केवल जान-माल से सम्बंधित हानि की जानकरी दे सकता था परंतु सेना की इस तरह की जानकरी साझा करने से ख़तरा उत्पन्न हो सकता है.
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