Wednesday, June 1, 2016

ज़्यादा नहीं चालीस पचास मुसलमानों के बारे में जानता हूँ जो निर्दोष थे लेकिन जेल में सड़ा दिये गये ၊ ऐसा इसलिये किया गया ताकि देश में आतंकवाद के नाम पर डर फैलाया जाय ၊ जनता डर जाय ၊ सरकार काले कानून बना कर और ताकतवर बन सके ၊ ताकि सरकार हथियार खरीद सके और कमीशन और रिश्वत कमाई जा सके ၊ और जनता को मुसलमानों के डर में उलझा कर टाटा बिड़ला के और अन्य अमीरों की सेवा करी जाय और अपना स्विस खाता भरा जा सके ၊ निसार जो तेइस साल जेल में रहा और बाद में निर्दोष पाया गया उसका दुख अगर आप समझ जाते हैं , अगर आप गुस्सा होते हैं और आप इसके खिलाफ अपनी आवाज़ उठाते हैं तो इस तरह के जुल्म कम करने में मदद हो सकती है ၊ वर्ना निर्दोष मुसलमानों , दलितों और आदिवासियों को जेलों में डालते रहिये ၊ पर अन्यायी शासन का अन्त कैसा होता है, वह तो आपको पता ही होगा ?



Himanshu Kumar
ज़्यादा नहीं चालीस पचास मुसलमानों के बारे में जानता हूँ जो निर्दोष थे लेकिन जेल में सड़ा दिये गये ၊ ऐसा इसलिये किया गया ताकि देश में आतंकवाद के नाम पर डर फैलाया जाय ၊ जनता डर जाय ၊ सरकार काले कानून बना कर और ताकतवर बन सके ၊ ताकि सरकार हथियार खरीद सके और कमीशन और रिश्वत कमाई जा सके ၊ और जनता को मुसलमानों के डर में उलझा कर टाटा बिड़ला के और अन्य अमीरों की सेवा करी जाय और अपना स्विस खाता भरा जा सके ၊ निसार जो तेइस साल जेल में रहा और बाद में निर्दोष पाया गया उसका दुख अगर आप समझ जाते हैं , अगर आप गुस्सा होते हैं और आप इसके खिलाफ अपनी आवाज़ उठाते हैं तो इस तरह के जुल्म कम करने में मदद हो सकती है ၊ वर्ना निर्दोष मुसलमानों , दलितों और आदिवासियों को जेलों में डालते रहिये ၊ पर अन्यायी शासन का अन्त कैसा होता है, वह तो आपको पता ही होगा ?

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