TaraChandra Tripathi
भवभूति के उत्तर रामचरित में लक्ष्मण द्वारा राम को मर्यादा पुरुषोत्तम कहे जाने कुश, राम को मर्यादा पुरुषोत्तम कहे जाने पर आपत्ति करता है. वह कहता है कि जो स्त्री (ताड़्का) का वध करे, उसके (सूर्पनखा) अंगभंग में सहायक हो, अपने स्वार्थ की पूर्ति के लिए किसी व्यक्ति (बालि)पर छिप कर वार करे और युद्ध में पीछे हटे ( खर-दूषण और त्रिशिरा के अकस्मात सामने आ जाने पर उन पर तीर चलाने के लिए राम को पीछे हटना पड़ा था) वह मर्यादा पुरुषोत्तम है?
राम हों या दुष्यन्त सभी अपनी परित्यक्त पत्नी और उसकी संतान को तभी अपनाते हुए नजर आते हैं, जब उनके कोई और सन्तान नहीं होती. ऐसे राजाओं को निर्दोष सिद्ध करने के लिए कभी दुर्वासा के प्रतीक का सहारा लिया जाता है या उसके (सीता के) धरती में समा जाने की कथा गढ़ दी जाती है.
आज भी ऐसे भगवान राम प्राय: निर्वाचन आयोग में प्रस्तुत किये जाने वाले शपथ पत्र में या तो उसको गोल कर जाते हैं और विरोधियों द्वारा हायतोबा मचाये जाने पर उसका उल्लेख करने पर विवश होते हैं. उनके राजा बन जाने पर भी बेचारी सीता तो परित्यक्ता ही रहती है लेकिन उसकी सुरक्षा के नाम पर कमांडो का बवाल और लग जाता है..
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