Shamshad Elahee Shams
जर्मन की एक अदालत ने ९४ वर्षीय रोनेल्ड हनिंग को, यहूदियों की हत्याओं में सहायता करने के लिए पांच साल की कैद की सजा सुनाई. सजा सुनते वक्त हनिंग व्हील चेयर पर था. हिटलर के ख़ुफ़िया विभाग (एस एस) के इस पूर्व गार्ड की ड्यूटी पोलैंड के कुख्यात अश्विच केम्प में १९४२-१९४४ के मध्य थी उस वक्त वह १८ साल का था. इस कैम्प में एक लाख दस हजार से अधिक यहूदियों को यातनाएँ देकर मारा गया था. जर्मन राष्ट्रवाद के भयानक असर मानवजाति ने भुगते है और उस बीमारी का पशच्याताप आज तक करत रहे हैं.
दुर्भाग्य से आज हिटलर की औलादे भारत में राष्ट्रवाद का धार्मिक झन्डा उठाये उत्पात मचाये है, मानव हत्याओं और नरमुंडों के शिखर पर बैठे लोग आज सत्ता के सर्वोच्च पदों पर आसन है, बेहतर समाज उन्हें व्हील चेयर पर बैठने से पहले ही सजा देगा, ऐसी आशा रखना आज बेबुनियाद जरुर लगे लेकिन अनुचित नहीं.
है कोई जो नरभक्षी के गले में कानून का फंदा डाले? कानून के नाम पर रोटियां खाने वालों को ऐसी खबरे पढ़ने पर जाने कैसा कैसा लगता होगा?
फोटो साभार गूगल: रोनेल्ड हनिंग
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