Monday, June 20, 2016

कुबेर दत्त पर केंद्रित यह अंक पठनीय और संग्रहणीय है।



आज डाक से 'कल के लिए' का यह बहुमूल्य अंक प्राप्त हुआ। कुबेर दत्त पर केंद्रित यह अंक पठनीय और संग्रहणीय है। पहला संस्मरण विश्वनाथ त्रपाठी जी का है ' ऐसे थे कुबेर',जिसे पन्ना खोलते ही पढ़ना एक बाध्यता की तरह है।इसके अलावा विष्णुचंद्र शर्मा, कैलाश बाजपेयी, स्वामीनारायण उन्का आदि के संस्मरण भी हैं। कविताएं, लेख आदि तो हैं ही।इसके लिए कल के लिए के संपादक Jainarayan Jai Narain Budhwar को कोटिश: धन्यवाद।

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