Friday, June 10, 2016

तसव्वुरात की परछाइयाँ उबर्ती हैं Rajiv Nayan Bahuguna Bahuguna --------------------------------------- कल अपने गांव सिल्यारा में था । दस दिन पूर्व वरुण देव ने कुछ ज़्यादा ही कृपा कर दी , तो कई मकान मलबे में तबदील हो गए । यद्यपि आपदा में मेरा घर नहीं ढहा , लेकिन जो घर ढहे वो भी मेरे ही हैं । सरकार को जो करना है , करेगी । लेकिन मेरे गांव के कम अज़ कम 20 युवक विदेशों में नौकरी कर रहे हैं । मैं उन्हीं से कलाम कर रहा हूँ । ऐ मेरे भाईयो , मेरे भतीजो , तुम्हे कसम है कुल देवता की , इस गांव को दीवाली से पहले पहले पूर्ववत कर दो ।

तसव्वुरात की परछाइयाँ उबर्ती हैं
Rajiv Nayan Bahuguna Bahuguna
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कल अपने गांव सिल्यारा में था । दस दिन पूर्व वरुण देव ने कुछ ज़्यादा ही कृपा कर दी , तो कई मकान मलबे में तबदील हो गए । यद्यपि आपदा में मेरा घर नहीं ढहा , लेकिन जो घर ढहे वो भी मेरे ही हैं । सरकार को जो करना है , करेगी । लेकिन मेरे गांव के कम अज़ कम 20 युवक विदेशों में नौकरी कर रहे हैं । मैं उन्हीं से कलाम कर रहा हूँ । ऐ मेरे भाईयो , मेरे भतीजो , तुम्हे कसम है कुल देवता की , इस गांव को दीवाली से पहले पहले पूर्ववत कर दो ।


अपनी एक पोस्ट की चूक पर अभी ध्यान गया । मैंने तसव्वुर को तस्सवुर लिख दिया था । चार घण्टे पुरानी पोस्ट है । सब लाइक और कमेंट करते रहे । किसी ने चूक पर ध्यान नहीं दिलाया । क्या हम भाषा के प्रति इतने बेपरवाह हो चुके ? खैर मैंने अपनी चूक सुधार ली । अपनी तुम जानो । भाषा और शब्द के प्रति थोड़ा सजग रहा करो यार ।

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