Thursday, June 23, 2016

Uday Prakash वह कौन सा आसन है जिससे देश को लूट कर फिर से ग़ुलाम बनाया जा सकता है और कालेधन का अंबार खड़ा किया जा सकता है ? 'साहेब तेरा बानिया, सहज करै ब्यौपार, बाँट-तराज़ू झूठ का, तौले सब संसार। ' -- कबीर

वह कौन सा आसन है जिससे देश को लूट कर फिर से ग़ुलाम बनाया जा सकता है और कालेधन का अंबार खड़ा किया जा सकता है ?
'साहेब तेरा बानिया, सहज करै ब्यौपार,
बाँट-तराज़ू झूठ का, तौले सब संसार। '
-- कबीर

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