Saturday, June 18, 2016

Urmilesh Urmil 'अमेरिकी-स्कूल' के प्रशिक्षित अथ॓शास्त्री होने के बावजूद RBI गवन॓र रघुराम राजन संघ-घराने और सत्ताधारियों के नजदीकी कारपोरेट को बिल्कुल नापसंद थे. इसके तीन प्रमुख कारण नजर आते हैं: 1. पूंजीवादी सोच के बावजूद वह एक प्रोफेशनल अथ॓शास्त्री हैं. 2. Crony Capitalism( हमजोली पूंजीवाद) को वह पुरजोर ढंग से खारिज करते रहे हैं, जबकि हमारे मौजूदा सत्ताधारियों के लिये यह (हमजोली-पन) उनकी पुरानी और सुपरिचित राजनीतिक प्रतिबद्धता है. 3.आधुनिक सोच के विद्वान होने के नाते राजन एक सेक्युलर बोध के व्यक्ति हैं. मैं समझता हूं, इन्हीं तीन वजहों से राजन ने अपने पहले काय॓काल के बाद इस सरकार के साथ आगे और काम नहीं करने का फैसला किया. सरकार भी शायद उन्हें आगे नहीं रखती. स्वामी के जरिये संकेत दे दिये गये थे. ऐसे में कोई भी पढ़ा-लिखा और स्वाभिमानी व्यक्ति वही करता, जो राजन ने किया. एकेडेमिक क्षेत्र में वापसी के लिये उन्हें हमारी शुभकामनाएं.

Urmilesh Urmil


'अमेरिकी-स्कूल' के प्रशिक्षित अथ॓शास्त्री होने के बावजूद RBI गवन॓र रघुराम राजन संघ-घराने और सत्ताधारियों के नजदीकी कारपोरेट को बिल्कुल नापसंद थे. इसके तीन प्रमुख कारण नजर आते हैं: 1. पूंजीवादी सोच के बावजूद वह एक प्रोफेशनल अथ॓शास्त्री हैं. 2. Crony Capitalism( हमजोली पूंजीवाद) को वह पुरजोर ढंग से खारिज करते रहे हैं, जबकि हमारे मौजूदा सत्ताधारियों के लिये यह (हमजोली-पन) उनकी पुरानी और सुपरिचित राजनीतिक प्रतिबद्धता है. 3.आधुनिक सोच के विद्वान होने के नाते राजन एक सेक्युलर बोध के व्यक्ति हैं. मैं समझता हूं, इन्हीं तीन वजहों से राजन ने अपने पहले काय॓काल के बाद इस सरकार के साथ आगे और काम नहीं करने का फैसला किया. सरकार भी शायद उन्हें आगे नहीं रखती. स्वामी के जरिये संकेत दे दिये गये थे. ऐसे में कोई भी पढ़ा-लिखा और स्वाभिमानी व्यक्ति वही करता, जो राजन ने किया. एकेडेमिक क्षेत्र में वापसी के लिये उन्हें हमारी शुभकामनाएं.

No comments:

Post a Comment