Wednesday, June 22, 2016

Yashwant Singh पूरा तंत्र गुंडों के साथ खड़ा है। डॉक्टर अकेला और उपेक्षित है। गेंद अब हमारे आपके पाले में है। मौन रहिये या फिर मुखर होइए।

Yashwant Singh
ये वीडियो देखिए। यूपी में जंगलराज का नमूना। एक डॉक्टर की पिटाई। पीटने वाले गुंडे यूपी सरकार के मंत्री जी और सपा नेताओं के गुर्गे हैं इसलिए पुलिस इनका कुछ नहीं बिगाड़ पायी। उलटे डॉक्टर साब का खून और पेशाब टेस्ट हो गया क्योंकि गुडों ने आरोप लगा दिया कि डॉक्टर नशे में था, इसलिए पीटना पड़ा। जांच रिपोर्ट नार्मल आई यानि डॉक्टर नशे में नहीं था। उधर डॉक्टर cctv फुटेज दिखा कर कह रहा है कि पहले इन अपराधियों को तो पकड़ो। लेकिन पूरा पुलिस प्रशासन डॉक्टर का खून पेशाब निकालने में जुटा रहा।
ीटने की वजह यह कि ''बाकी मरीजों को मरने दो, पहले मेरे मरीज को भर्ती करो। बाइक से गिर कर सामान्य चोट खाए मेरे मरीज का मरहम पट्टी से ही काम नहीं चलने वाला, इसे भर्ती भी कर लो''। भीड़ से घिरा डॉक्टर काम करता दिख रहा है। भीड़ से मुखातिब हो बात भी कर रहा। लेकिन गुंडों को अपने मरीज को बिना वजह भर्ती कराने की इतनी जल्दी थी कि लाइट ऑफ करके डॉक्टर को ही पीटने में जुट गए। जिस गुंडे ने सबसे पहले हाथ छोड़ा वह सभासद रह चुका है। बताते हैं कि इस पर और इसके अन्य मित्र गुंडों पर मंत्री बिजय मिश्रा और जिले के बड़े सपा नेताओं का भरपूर हाथ है।

मंत्री बिजय मिश्रा के बारे में जानते ही होंगे कि ये वरिष्ठ पत्रकार अच्युतानंद मिश्र के भतीजे हैं और चाचा जी की कृपा से टिकट पाए। बसपा विरोधी तत्कालीन हवा में मामूली वोटों से जीतकर विधायक बने और बाद में मंत्री भी बन गए। ये ग़ाज़ीपुर जिले में अपनी हरकतों से अपने पत्रकार चचा का खूब नाम 'रोशन' कर रहे हैं।
अपराधी अब तक पकड़े क्यों नहीं गए, इस सवाल पर पुलिस कप्तान बोल रहा है - 'आरोपी भागे हुए हैं, दबिश जारी है'। सबको पता है कि पुलिस क्यों किंकर्तव्यविमूढ़ है। यूपी में समाजवादी राज जो है। जबरा मारे और रोवे भी न दे।
मित्रों समाजवादी जंगल राज के शिकार ग़ाज़ीपुर जिला अस्पताल के डॉक्टर पीपी उपाध्याय को न्याय तब भी नहीं मिल पा रहा जब पीटने वाले गुंडों की करतूत cctv कैमरे में कैद है। उलटे डॉक्टर पर ही नशे में होने का फ़र्ज़ी आरोप लगाकर उन्हें ब्लड यूरिन टेस्ट के लिए प्रताड़ित किया गया और अब समझौता करने या भुगतने का दबाव डाला जा रहा है। इनके पीटने वाले इसलिए गिरफ्तार नहीं हो रहे क्योंकि उन्हें समाजवादी सरकार के मंत्रियों नेताओं का संरक्षण प्राप्त है।
अब इस वीडियो का क्या करें जो चीख चीख के कह रहा है कि ये डॉक्टर पीपी उपाध्याय आप हो सकते हैं, आपका भाई हो सकता है, आपके घर का सदस्य हो सकता है, क्या ये ऐसे ही बिना वजह पीटे जाते रहेंगे और हम हाथ पर हाथ धरे चुपचाप बैठे देखते रहेंगे?
दोस्तों इस वीडियो को देखिए और शेयर करिए ताकि गुंडे सलाखों के पीछे जा सकें। ध्यान रहे, ये वही जिला ग़ाज़ीपुर है जहाँ के महान माफिया मोख्तार अंसारी की राजनीतिक पार्टी का संपूर्ण विलय समाजवादी पार्टी में कल ही हो चुका है। यानि एक तो करैला और ऊपर से नीम चढ़ा।
ये बड़ी बात नहीं कि डॉक्टर को पीटने वाले आधा दर्जन लोगों में कुछ एक मोख्तार अंसारी गैंग के ख़ास आदमी निकल आएं। सूत्र ऐसा बताते भी हैं। सोचिए, जिस वक़्त लखनऊ में जंगलराज संचालित करने वाली पार्टी सपा में ग़ाज़ीपुर के माफियाओं द्वारा सृजित पार्टी कौएद का विलय हो रहा था उसी वक़्त ग़ाज़ीपुर में इस 'संगम' से उपजे संयुक्त कार्यकर्ताओं द्वारा जिला अस्पताल में सरेआम एक डॉक्टर पीटा जा रहा था।
पूरा तंत्र गुंडों के साथ खड़ा है। डॉक्टर अकेला और उपेक्षित है। गेंद अब हमारे आपके पाले में है। मौन रहिये या फिर मुखर होइए।

No comments:

Post a Comment