Abhishek Srivastava
अच्छा हुआ रामवृक्षवा को मार दिए सब, जो रह-रह कर नागरिकता का प्रमाण मांगता था सब से। उसकी कथित मौत के 18 दिन बाद देस बिक गया। सौ परसेंट एफडीआइ में। रामवृक्षवा आज होता तो क्या जवाब देते टिप्पू भइया/उनके चच्चा/उनके पप्पा/और बिके हुए इस देस के परधानजी?
आप ही बताइए, आप कहां के नागरिक हैं? जिस देश का अपने यहां अधिकतम इनवेस्टमेंट होगा उसके या फिर इस बिके हुए देस के? बिके हुए देस का नागरिक होना भी कोई शै है?
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