Geeta Gairola
आज सपने में फिर गांव देखा ।किसी ने हमारे खेत में बड़े बड़े चमकीले अनार लगा पेड़ काट दिया।दो फूलों से भरे पेड़ भी टुकड़े टुकड़े जमीन पर गिरे है।मै रो रो के दादी को बता रही हूँ।
ये कौन से पेड़ है उस उजाड़ पड़े गांव में।ये तो वरसों पहले ही खतम हो गए थे। फिर इतने सालों बाद मेरे सपनो में आ के क्यों जिन्दा हो गए। अभी कुछ दिनों पहले मेरा भतीजा शुभम पूजा में भटटीगांव(मेरे गांव)गया था वहां से एक टूटे खंडहर की फोटो भेजी।क्या वही खंडहर मेरा घर था।देवदार की लकड़ी के बने,लाल पेंट किये दरवाजों वाला।बड़ा सा घर।पर ये तो खंडहर है हमने इसकी जीवतन्ता मार दी ।दोषी तो हम ही हुए ना।तो क्या मेरा दोष ही मुझे सता रहा है।या हर पहाड़ी की जड़ें उसे बुला रही हैं सूखी हुई जड़ें
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