Monday, July 4, 2016

आमंत्रण : १३ जुलाई से १५ जुलाई तक नर्मदा परिक्रमा:नर्मदा जल जमीन हक्क सत्याग्रह : ३० जुलाई २०१६ से

आमंत्रण : १३ जुलाई से १५ जुलाई तक नर्मदा परिक्रमा:नर्मदा जल जमीन हक्क सत्याग्रह : ३० जुलाई २०१६ से



सरदार सरोवर बांध का कार्य भी अब पूरा कर दिया है मोदी सरकार ने । गेट्स लगाकर बांध की उंचाई १३८.६८ मीटर्स तकपहुंचाई गयी है । बस गेट्स लगाना बाकी है। करीबन ५०००० परिवारोंका पुनर्वास पूरा  होते हुएहजारों को जमीनहजारों भूमीहीनोंको वैकल्पिक आजीविका सभी सुविधाए सिंचाई एवं घरप्लॉट के साथ पुनर्वास स्थल प्राप्त हुए बिना, घर,खेत-खलिहान,२४४ गाव और एक धरमपुरी नगर डूबोना क्या न्याय हैक्या इसे विकास के नामपर भी मंजूर किया जा सकता हैनहीं।

यह गैरकानूनी डूब थोपनेका निर्णय व कार्य नयी केंद्र शासनने,सत्तापर आतेही किया और ३१ सालोंके कानूनी,मैदानी संघर्ष के दरम्यान जो प्रगतिशील पुनर्वास नीति और योजना बनायीजो सर्वोच्च अदालतसे फैसले पाये,उनको नकारकर बांधको आगे बढाया। १४००० परिवारोंको गुजरात और महाराष्ट्रमें पुनर्वास प्राप्त हुआ लेकिन म.प्रदेश,महाराष्ट्र और गुजरातके पहाडी आदिवासी क्षेत्रके आज भी करीबन १५०० परिवार बाकी है तो म.प्रदेशके मैदानी क्षेत्रके,भरपूर जनसंख्याके,पक्के मकानोंके गावोंमे ४५००० से अधिक। अब इन्हें जलसमाधि देनेकी साजिश बेरहम अन्याय है। घाटीकी प्राकृतिक संपदाही नहींनर्मदा माता भी भयावह संकटमें पडी है।

गुजरात में कच्छ-सौराष्ट्र के सूखाग्रस्तोंको धोखा देकर कोकाकोला,अम्बानी,अडाणी की ओर पानी बहाना शुरु हो चुका है। ३० सालोंमे केवल ३५-४०ही नहरे बननेसे अधूराही छोडा गया हैगुजरातके किसानोंको भी वंचित रखकर बांध आगे बढाया जा रहा है । घाटी के विनाशके साथगुजरातभी भुगत रहा है कई भयावह असर। कोकाकोला को ३० लाख लिटर्स प्रतिदिन मोटरकार फॅक्टरीजको ६० लाख लिटर्स/दिन पानी देनेके अनुबंधोके बाद इंडस्ट्रियल कॉरीडोर के क्षेत्रकोही,४ लाख हेक्टर्स तक जमीन और अधिकांश पानी दिया जा रहा है। हजारो गावोंके बदले,सूखाग्रस्त कच्छ और अन्य जिलोंके गावोंको पीनेका पानी भी न्यूनतम देकरफसाया जा रहा है। गांधीनगर,अहमदाबाद और वडोदरा शहरोकोही अधिक पानी दिया जाना मूल योजनामें अन्यायपूर्ण परिवर्तन है।....सबसे गंभीर बात यह भी है कि बांध की लागत मूल ४२०० करोड रुसे ९०००० करोड रु.तक बढनेकी घोषणा अधिकृत रुपसे हो चुकी है। लेकिन नहरें ३०-४०तक ही बनायी इसलिए उपलब्ध पानी भी सिंचाई या कच्छ-सौराष्ट्र के लिए उपयोगमें नहीं लाया जा रहा है। फिर भी बांध जल्दबाजी,राजनीतिक उद्देश्यसे आगे धकेला गया है।

महाराष्ट्र,.प्रदेशको पूंजीनिवेश हजारो करोड रु.का होते हुए भी,उनके हककी केवल बिजली भी गुजरात नहीं दे रहा है। गुजरातने पॉवर हाऊस बंद रखनेसे हुए नुकसान की भरपाई मांगी है लेकिन म.प्र.की ३६०० करोड होकर भी वह चुप है। म.प्र.,महाराष्ट्रको इतनी संपदा डूबोकर, लाखो विस्थापित होकरभी सरदार सरोवर जलाशय के एक बूंद पानीपर अधिकार नहीं है।

इस स्थिति में कमसे कम विस्थापितोंका संपूर्ण पुनर्वास होनेतक बांधको रोकनापिछली सरकार और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंहजीसे सुप्रीम कोर्टने लिखित आश्वासन लिया थाउसके अनुसार जरुरी है। वह भी मोदी सरकारने तोडमरोड दिया और बांध का कार्य बढाकर१२२ मी.से १३९ मी.तक पहुचाया। पुनर्वासमे म.प्र.हायकोर्ट नियुक्त झा आयोगसे मध्य प्रदेश के पुनर्वास में भ्रष्टाचार की ७ साल चली जॉंच की रिपोर्ट भी खुला नही की न कोर्टको करने दी। इस रिपोर्टसे यह उजागर होना है कि कितने हजार परिवारोंको जमीनके बदले फर्जी रजिस्ट्री के कागजात मिले....और कितने हजार परिवारोंको न आजीविका मिली...पुनर्वास स्थलपर कितने करोड रु.व्यर्थ गये तो क्या वहा रहनेलायक स्थिति है?रिपोर्ट आजतक सुप्रीम कोर्टने केवल म.प्र.शासनकेही हाथ सौंपा है।

ऐसी स्थितिमें आनेवाली बारिश कितनी डूब,वंचना,हा:हाकार लाएगी यह चित्र सामने आ सकता है। १२२ मी.पर प्रभावित म.प्र.के १७७ गावोंमेही हजारो परिवार हैं....२०१३ में भी म.प्र.के मैदानी गावोंमे,कई मुहल्लोंमेघर,खेती डूब चूकी है,वह भी क्षेत्रमे बाढ न आते हुए भी। बॅकवॉटर लेव्हल्स,३० सालोंके बाद बदलकर १६००० परिवारोंको डूबसे बाहर निकालनेका खेल खेला है म.प्र.शासनने। सहींमे यह तो संख्या कम दिखानेकी साजिश रही है और कोर्ट में भी शासन पुनर्वासमें  “बॅंलन्स बताती है।

यह सब चूपचाप सहन नहीं कर सकते लोग। अपने हक पानेतक बांधके गेट्स न लगने देने का संकल्प लेकर डूबसे टकराने के निश्चय के साथ,शुरु होगा,
नर्मदा जल जमीन हक सत्याग्रह। ३० जुलाई,राजघाट:जिला-बडवानी,.प्र.मेंशुरुआत के रोज आप जरुर पधारे।

बडवानी जिलेंमे.प्र,में नर्मदा किनारे महात्माजी कस्तुरबाकी समाधि के साथ राजघाट’ है । जहा नर्मदा और देवदेवताओं के मंदिर,मस्जिद है...पर डूबनेवाले है..डूब भी चुके है। सत्याग्रह के द्वारा हम निश्चयसे एकेक कदम आगे बढते आये हैं...इस बार भी हमारा कहना है -
·        सरदार सरोवर बांधके गेट्स बंद न किये जाए !
·        किसी भी विस्थापित की सम्पति बिना पुनर्वास न डूबाई जाए ।
·        २०१३ के नये भू अर्जन  कानून के तहतविस्थापितोंकी सम्पत्तिपर उनका मालिकी हक मंजूर किया जाए ।
·         .प्र.महाराष्ट्रगुजरात की सही जानकारी देकर शपथपत्र दाखिल करे हर सरकार। जिनका पुनर्वास बाकी है, उन हजारों का पुनर्वास कानूनन जमीन, पुनर्वास स्थलोंपर पूरी सुविधाए आजीविका के साथ पूरा करे।
·        न्या.झा आयोगकी म.प्रमॆ पूनर्वास मॆ १०००-१५०० करोड रु.के भ्रष्टाचारपर रिपोर्ट और उसपर कार्यवाही का अहवाल सार्वजनिक करे।
·        सरदार सरोवर के पर्यावरणीय असर जैसे बांध के नीचेवास मे लाभों का बंटवारा व लाभहानि पर मूल्यांकन किया जाए ।
·        गुजरातमें बांध का लाभ किसानों, आदिवासियों, सूखाग्रस्त क्षेत्रों को ही दिया जाएलाभक्षेत्र की जमीन उद्योगपतियोंको न दी जाए।
इन तमाम मुद्दों के साथ जुडा है नर्मदा’ का अस्तित्व। नर्मदासे क्षिप्रा,गंभीर,मही,कालीसिंध नदीयोंमे ५००० सें १५००० लिटर्स प्रतिसेकंड पानी उठाकर डालनेकी म.प्र.शासनकी लिंक योजनाएनर्मदा का पानी प्रदूषित करेगीही किन्तु नर्मदा का अस्तित्वही खतरेंमे डाल देगी,यह निश्चितइन योजनाओंद्वारा कार्पोरेट्सकाही हित देखा जा रहा है।...

खेती,सिंचाई,सूखाग्रस्त क्षेत्र,गाववासी,आदिवासीयोंकोभी न बख्शते हुए २५ हजार हेक्टर्स जमीनके साथ नर्मदा का पानी भी उद्योगपतियोंको उपलब्ध’ बताकर लालची न्यौता दिया जा रहा है। म.प्र की इन योजनाओंसे नर्मदा का पानी और सरदार सरोवर भी प्रभावित होगा तो लाखोंको उजाडना क्यों?....यह विनाश होगा तो विकास कैसे?किसका?कितनी और किस किमत पर?

१३ से १५ जुलाई तक नर्मदा घाटीमें, बडवानीसे नर्मदा घाटी में निकली  नर्मदा परिक्रमा।

यह वाहन यात्रा गाव-शहरोंसे गुजरेगी...१९ से २२ जुलाईतक का कार्यक्रम भी जल्दी ही जाहीर होगा । आप निमंत्रित है।

कृपया १३ से १५, तथा १९ से २२ जुलाई के बीच या ३० जुलाईके नर्मदा जल जमीन हक सत्याग्रह’ के उदघाटन में शामिल होना जरुर तय करेअपने अन्य साथी,अन्य समर्थकों,मान्यवरोंको आप भी खबर करे। हमें जरुर खबर दे आपके आनेकी। यही वक्त है जब देशभरके वैकल्पिक विकासवादी,मानव अधिकारवादी,संवेदन और विचारशील नागरिक,नर्मदा भक्तसभी जनसंगठनोंके साथी, ३१ सालोंसे संघर्षरत आंदोलनको बल दे। लाखोंका सहारा बने।
-आपके विनित-
भागिरथ धनगरकैलाश यादव, मोहनभाई पाटीदार सनोबरबी मन्सुरी श्यामा मछुआराबाला यादवरमेश प्रजापति,देवीसिंह तोमरजीकुभाई तडवीरतन वसावेबाला तडवी,   पुन्या वसावेनूरजी पाडवी,  चेतन साळवे विजय वळवीमेधापाटकर   

विमलभाई (दिल्ली) –९७१८४७९५१७, शबनम (दिल्ली)- ९६४३३४९४५२  राहुल यादव९१७९६१७५१३ आश्विन (बडवानी)-८७५४४९११५०  चेतन सालवे९४२०३७५७३०लतिका  ९४२०१५१३८४योगिनी ९४२३९४४३९०(महाराष्ट्र)परवीन जहांगिर(मुंबई) – ९८२०६३६३३५विजया चौहान(मुंबई) ९८२०२३६२६७  सुनीति (पुणे)- ९४२३५७१७८४शाम पाटील ,धुळे  ९४२३४९६०२०प्रमोद बागडी (इंदौर) –९८२७०२१०००

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