Thursday, June 9, 2016

वैसे जिन लोगों को हजारों साल से नहीं लिखने दिया गया है, वे अब बहुत लिखने वाले हैं. छह शब्द की लिमिट वाला चोंचला उनके लिए नहीं है.

Dilip C Mandal


छह शब्दों में मुझसे न हो पाएगा. मुझे कई कई लाख शब्दों की कई किताबें लिखनी है... चार किताब की तो योजना बन चुकी है.
वैसे जिन लोगों को हजारों साल से नहीं लिखने दिया गया है, वे अब बहुत लिखने वाले हैं. छह शब्द की लिमिट वाला चोंचला उनके लिए नहीं है.
खाए - पीये - अघाए लोग लिखें छह शब्द की कहानी. फालतू के तमाशे से हेमिंग्वे नहीं बन पाओगे. नौटंकी कहीं के!



देश की दर्जनों यूनिवर्सिटीज में मुझसे पूछा गया कि ब्राह्मणवाद क्या है? फेसबुक पर तो हजारों लोग पूछ चुके हैं. मेरे पास अब तक कोई संतोषजनक जवाब नहीं था.
फुले और बाबा साहेब की प्रेरणा से अचानक मुझे कल ज्ञान की प्राप्ति हुई. मुझे पता चल गया है कि ब्राह्मणवाद क्या है.
यह है ब्राह्मणवाद. 
निठल्ला.
जिसमें कोई गुण नहीं.
परजीवी.
आलसी.
समाज पर बोझ.
जन्म के संयोग से बड़ा.
जिसने समाज से सिर्फ लिया, दिया कुछ नहीं.
समाज के सिर पर सवार.
ज्ञान - विज्ञान के क्षेत्र में शून्य.
देश की प्रगति के दुश्मन.
अकारण सम्मान का हकदार.
स्त्रियों के प्रति निष्ठुर.
बहुसंख्यकों के प्रति अनुदार.
अलोकतांत्रिक.
संविधान द्रोही.
पोंगापंथी.
बाकी गुण आप जोड़ लें. ब्राह्मणवाद में गुण कम नहीं हैं.

आप देख सकते हैं कि श्रीकांत दीक्षित के हिस्से का सब कुछ शंकराचार्य खा गए और श्रीकांत दीक्षित तड़पकर मर गया.
इसलिए मेरी भारत सरकार से मांग है कि गरीब सवर्णों के हक में, ओपन यानी जनरल कैटेगरी में क्रीमी लेयर लागू करे. अमीर सवर्ण लोग प्राइवेट सेक्टर में जाएं. उन्हें गरीब श्रीकांत दीक्षित का हक मारने का कोई अधिकार नहीं है.
मंदिरों के पुजारी पदों पर SC, ST, OBC आरक्षण लागू किया जाए.

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