Indresh Maikhuri
आज श्रीदेव सुमन की जन्मशताब्दी है.आज से 100 साल पहले 25 मई 1916 को सुमन का जन्म हुआ था.टिहरी राजशाही के खिलाफ 84 दिन की भूख हड़ताल के बाद 25 जुलाई 1944 को उनकी शहादत हुई.वे राजा से उत्तरदायी शासन चाहते थे.लेकिन वो राजा ही क्या जो प्रजा के प्रति उत्तरदायी हो जाए ! सो राजा ने उनकी एक न सुनी.आज लोकतंत्र के राजाओं से भी लोग उत्तरदायी शासन चाहते हैं पर वे सिर्फ खनन,शराब आदि-आदि के माफियाओं और बड़े पूंजीपतियों के प्रति ही वे उत्तरदायी हैं,जनता के प्रति उनका भाव टिहरी रियासत के राजा जैसा ही है.श्रीदेव सुमन को जन्मशताब्दी पर याद करते हुए बरबस यह भी याद आता है कि उसी राजपरिवार की बहु आज संसद में है,जिसने उत्तरदायी शासन के बरक्स श्रीदेव सुमन के प्राणों की आहुति लेना जिसने ज्यादा मुफीद समझा.
शासन जनता के प्रति उत्तरदायी ही न हो बल्कि जनता के मातहत हो यह लड़ाई तो श्रीदेव सुमन,नागेन्द्र सकलानी जैसे शहीदों की शहादत को याद करते हुए लड़नी होगी.
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