Tuesday, May 31, 2016

Lalajee Nirmal दलितों की जमीनी हालत तो देखिये |बहुत कुछ नहीं बदला है ,दलितों की हालत कमोबेश वही है जो आधी शदी पहले थी |कौन चाहता है सीवर में घुसना,कौन चाहता है दूसरों के कपडे धोना,कौन चाहता है औरों के जूते सिलना |प्रश्न यह है क्या करें, न जमीन है न रोजगार के लिए पैसे |

Lalajee Nirmal

दलितों की जमीनी हालत तो देखिये |बहुत कुछ नहीं बदला है ,दलितों की हालत कमोबेश वही है जो आधी शदी पहले थी |कौन चाहता है सीवर में घुसना,कौन चाहता है दूसरों के कपडे धोना,कौन चाहता है औरों के जूते सिलना |प्रश्न यह है क्या करें, न जमीन है न रोजगार के लिए पैसे |

No comments:

Post a Comment