फ़र्ज़ कीजिये,
मस्जिद और मदरसे के लड़के, कुर्ता-पजामा और टोपी लगा कर हाथ में तलवार, देसी कट्टे और दोनली बन्दूक के साथ दिन-रात Traning ले रहे हैं,
पहला ख्याल क्या आएगा आपके मनन में!?
ISIS के लोग हैं, ख़ुफ़िया तरिके से आतंकी कैंप चल रहा है, और भारत में हमले की तैय्यारी कर रहे है।
शायद हो सकता है, आप सभी मिल कर उस मस्जिद या मदरसे पे हमला भी कर दें, और सभी Traing ले रहे लड़कों मार गिराये, और उनकी लाश पे पैर रख कर फोटो खिंचवाए और भारत माँ की जय के नारे लगाएं।
गर्व के साथ यही करेंगे ना आप!?
फिर बजरंग दाल पे चुप्पी क्यों है?! और देश की मीडिया उसे आत्मरक्षा क्यों बता रही है?
क्या सिर्फ इस लिए की, उन्होंने कुर्ता-पजामा के बजाए भगवा रंग के कपड़े पहने हैं? टोपी की बजाए माथे पे तिलक लगाये हुए हैं?
क्या आपके बाबा और दादा ने आपको यही तरबियत दी है, जहाँ एक ख़ास मज़हब बस अपने नाम और पहनावे की वजह से आतंकी हो जाता है, और दूसरा धर्म विशेष अपने आप देश प्रेमी?
कब तक हम इस तरह दोगली निति अपनाते रहेंगे, ग़लत को ग़लत और सही को सही कहना कब शुरू करेंगे!
इस तरह ग़लत को सही कहने का रिवाज बेहद खतरनाक है, याद रखिये ऐसी हरकतों के साथ हम एक बहुत बड़ी मुसीबत की तरफ बढ़ रहे हैं।
Joher Siddiqui
Joher Siddiqui
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